बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर चुनाव आयोग की ओर से तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को दो अन्य चुनाव आयुक्तों के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस तारीखों का ऐलान किया। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि बिहार की सभी 243 सीट पर दो चरण में चुनाव होंगे। पहले चरण के लिए 6 नवंबर को और दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को वोटिंग होगी। वहीं, चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को जारी किए जाएंगे।
सीईसी ने आगे कहा कि चुनाव को लेकर आयोग ने तमाम तैयारियां पूरी कर ली हैं। चुनाव में हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही फेक न्यूज पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में इस बार 90,712 पोलिंग बूथ होंगे। शहरी क्षेत्रों में 13,911 और ग्रामीण क्षेत्रों में 76,801 बूथ होंगे। 1,044 पोलिंग बूथों की जिम्मेदारी महिलाओं के पास होगी।
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मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि पहले चरण में 121 और दूसरे चरण में 122 सीट के लिए मतदान होगा। चुनाव के लिए अधिसूचना 10 अक्टूबर को जारी होगी, नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर को होगी, 18 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 20 अक्टूबर तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण के लिए अधिसूचना 13 अक्टूबर को जारी होगी, नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर को होगी, 21 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 23 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।
सीईसी ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी कि बिहार में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 7.43 करोड़ है। इनमें लगभग 3.92 करोड़ पुरुष और करीब 3.50 महिला मतदाता हैं। उन्होंने बताया कि 1,725 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। करीब 7.2 लाख दिव्यांग मतदाता, 4.04 लाख 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक भी वोटर सूची में हैं, जबकि 100 साल के अधिक उम्र की मतदाताओं की संख्या 14 हजार है। वहीं राज्य में इस बार फर्स्ट टाइम वोटर लगभग 14 लाख हैं।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने निर्णय लिया है कि बिहार चुनाव में ईवीएम में उम्मीदवारों की तस्वीर रंगीन होगी और क्रम संख्या का फॉन्ट बड़ा होगा। आयोग ने राजनीतिक दलों की मांग के अनुरूप और पारदर्शिता के लिहाज से तय किया है कि मतगणना में ईवीएम के अंतिम दो दौर से पहले डाक मतपत्रों की गिनती करना अनिवार्य होगा। साथ ही नई व्यवस्था के तहत मतदाता मतदान कक्ष के ठीक बाहर अपने मोबाइल फोन जमा करा सकते हैं और मतदान करने के बाद वापस ले सकते हैं।
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ज्ञानेश कुमार ने कहा कि मतदाता सूची में अगर कोई गलती रह गई है तो जिलाधिकारी के पास अपील की जा सकती है। अगर किसी का नाम छूटा है तो वह नॉमिनेशन के 10 दिन पहले तक जुड़वा सकता है। बिहार का कोई भी मतदाता कोई शिकायत होने पर ईसीआई नेट ऐप के माध्यम से बीएलओ से संपर्क कर उनसे बात कर सकता है, मतदाता 243 ईआरओ और पटना में सीईओ से भी संपर्क कर सकते हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव न केवल मतदाताओं के लिए बहुत ही सुगम और सरल होंगे, न केवल कानून व्यवस्था पर पूर्ण निगरानी रखी जाएगी, बल्कि पूर्ण पारदर्शी तरीके से होने वाले ये चुनाव सबसे अच्छे चुनाव परिलक्षित हों, ऐसी आयोग की मंशा है। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में मतदाताओं और उम्मीदवारों को किसी तरह की धमकी की कोई गुंजाइश नहीं, एजेंसियों को हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं।
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बता दें कि बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। तमाम राजनीतिक दलों ने आयोग से छठ महापर्व के तुरंत बाद चुनाव कराने की अपील की थी, ताकि अधिक से अधिक संख्या में लोग अपने मत का इस्तेमाल कर सकें। इससे पहले 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव तीन चरणों में हुए थे। पहले चरण में 28 अक्टूबर 2020 को 71 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग हुई थी, जबकि दूसरे चरण में 3 नवंबर को 94 सीट और तीसरे चरण में 7 नवंबर को 78 सीटों पर मतदान संपन्न हुआ। मतगणना 10 नवंबर को हुई थी।
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