बिहार में सुशासन की सरकार का दावा किया जाता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुशासन बाबू कहा जाता है। लेकिन राज्य में जो कानून व्यवस्था की हालत है उसे देख कर तो ऐसा नहीं लगता कि वहां सुशान है भी। नीतीश सरकार अपने नेताओं के परिवार पर खूब मेहरबान है। उनके बेटे और रिश्तेदारों पर सरकार कृपा बरसा रही है। दरअसर सीएम नीतीश के विधायक गोपाल मंडल के ठेकेदार बेटे तरुण कुमार नीरज को विभागीय अफसर दो बार ब्लैकलिस्टेड करने की मांग कर चुके हैं। लेकिन विभाग ने कार्रवाई करने की बजाय उनकी कंपनी को एक साल का मौका दे दिया।
Published: 01 Jul 2021, 1:37 PM IST
हिंदी अखबार दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक विधायक जी के बेटे की ठेका कंपनी है, जिसे पुल और एप्रोच पथ बनाने का ठेका दिया गया था। लेकिन उनकी कंपनी तय समय पर निर्माण पूरा नहीं कर सकी। जिसके बाद विभागीय अफसरों ने कंपनी को ब्लैकलिस्टेड करने के लिए 2020 और 2021 में प्रस्ताव पटना भेजा था। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। इतना ही नहीं विधायक पुत्र ने बिना पुल बनाए ही 5 साल में उसका दो बार शिलान्यास तक करा लिया।
Published: 01 Jul 2021, 1:37 PM IST
रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी को इस्माइलपुर प्रखंड के लक्ष्मीपुर से गोनरचक सड़क पर पुल और दोनों ओर एप्रोच पथ का निर्माण करना था। इसके लिए ग्रामीण कार्य विभाग ने 11 अप्रैल 2016 को टेंडर निकाला था। जिसका टेंडर नीतीश के विधायक गोपाल मंडल के बेटे तरुण कुमार नीरज को मिला। तरुण की कंपनी को 3 करोड़ 32 लाख में 54 मीटर लंबा पुल और उसके दोनों तरफ 280 मीटर लंबा एप्रोच पथ का निर्माण करना था। इसके लिए 10 अप्रैल 2017 तक का समय दिया गया था। लेकिन 4 साल बाद भी यह काम पूरा नहीं किया जा सका। लेकिन विधायक जी के बेटे ने इसका दो बार शिलान्यास जरूर करा दिया।
Published: 01 Jul 2021, 1:37 PM IST
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Published: 01 Jul 2021, 1:37 PM IST