
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पटना स्थित 10 सर्कुलर रोड आवास को खाली करने के सरकारी आदेश को लेकर राष्ट्रीय जनता दल नाराज है। बिहार भवन निर्माण विभाग ने यह सरकारी आवास खाली करने के लिए नोटिस भेजा है। इस बीच, बुधवार को आरजेडी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने दो टूक कहा कि किसी भी हाल में राबड़ी देवी का आवास खाली नहीं किया जाएगा।
उन्होंने साफ लहजे में कहा, "हम किसी भी हालत में राबड़ी आवास खाली नहीं करेंगे। इसके लिए जो कुछ करना होगा, किया जाएगा।" उन्होंने कहा कि 20 साल से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं, अब तक यह आवास क्यों खाली नहीं करवाया गया? लालू यादव और राबड़ी देवी दोनों पूर्व मुख्यमंत्री हैं। यह लालू परिवार का अपमान करने की साजिश है। यह जान-बूझकर और राजनीतिक विद्वेष के कारण फैसला लिया गया है।
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मंडल ने आरोप लगाया, “नीतीश कुमार ने यह निर्णय बीजेपी को खुश करने के लिए लिया है। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) प्रमुख अपने गठबंधन सहयोगी की आक्रामकता से हिल गए हैं, जिसके चलते उन्हें अपना प्रिय गृह विभाग छोड़ना पड़ा। इसलिए बीजेपी की लालू जी के प्रति दुर्भावना को ध्यान में रखते हुए नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके साथियों को खुश करने के लिए हमारे नेता का ‘अपमान’ किया है।”
उन्होंने कहा, “सत्तारूढ़ एनडीए यह याद रखे कि हम भले विपक्ष में हैं, लेकिन हालिया विधानसभा चुनाव में हमें उसके किसी भी घटक दल से अधिक वोट मिले। निर्वाचन आयोग के अनुसार, हमें एक करोड़ से अधिक वोट मिले जबकि एनडीए के सबसे बड़ घटक दल बीजेपी को 90 लाख से कम वोट मिले। इसलिए वे हमें कमतर आंकने की कोशिश न करें।” मंडल ने कहा, “हम चुनाव नहीं हारे हैं। सिस्टम हमारे खिलाफ काम कर रहा था। हमें खुद को विजेता मानना चाहिए, हारने वाला नहीं।” हालिया चुनाव में आरजेडी की सीट घटकर 25 रह गईं जबकि पिछले चुनाव में पार्टी ने 75 सीट जीती थीं।
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दरअसल, इससे एक दिन पहले राज्य के भवन निर्माण विभाग ने अधिसूचना जारी कर राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आधिकारिक आवास 1, अणे मार्ग के ठीक सामने स्थित 10, सर्कुलर रोड का बंगला खाली करने को कहा था। साथ ही नोटिस में उन्हें 39, हार्डिंग रोड पर स्थित आवास में स्थानांतरित होने को कहा था, जिसे विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के सरकारी आवास के रूप में “चिह्नित” किया गया है।
इस आदेश के बाद आऱजेडी की तीखी प्रतिक्रिया आई है। लालू यादव की पुत्री रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "सुशासन बाबू का विकास मॉडल। करोड़ों लोगों के मसीहा लालू प्रसाद यादव का अपमान करना पहली प्राथमिकता। घर से तो निकाल देंगे, बिहार की जनता के दिल से कैसे निकालेंगे? सेहत नहीं तो कम से कम लालू जी के राजनीतिक कद का ही सम्मान रखते।"
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वहीं, इसे लेकर जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने बुधवार को कहा कि उम्र के चौथे पड़ाव पर लालू यादव माया के चक्कर में पड़ गए। परिवार की माया ने उन्हें न्यायपालिका पहुंचा दिया, संपत्ति की माया के कारण उन्हें जेल जाना पड़ा। अब आपको सरकारी बंगले की माया घेर रही है।
वहीं, राज्य के मंत्री संतोष कुमार सुमन के अनुसार राबड़ी देवी को यह बंगला उस प्रावधान के तहत आवंटित किया गया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी आवास का अधिकार दिया गया था। सुमन ने कहा, “कुछ वर्ष पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक फैसले के बाद उस प्रावधान को समाप्त करना पड़ा। किसी भी स्थिति में, हम राबड़ी देवी को आवास से वंचित नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा, सरकार के पास यह अधिकार है कि कौन-सा सरकारी आवास किसे आवंटित किया जाए।”
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