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BJP ने कर्नाटक अध्यक्ष पर फोड़ा हार का ठीकरा, नलिन कुमार कतील को हटाने की तैयारी

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि आलाकमान स्थिति का आकलन नहीं कर पाने के कारण कतील से खफा है। कतील के पूरे कार्यकाल में पार्टी ने उनका समर्थन किया था और यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और वरिष्ठ नेताओं को भी उनके सामने घुटने टेकने पड़े थे।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में शर्मनाक हार के बाद बीजेपी अब जिम्मेदारी तय करने में जुट गई है। सूत्रों के अनुसार, भगवा पार्टी ने राज्य में हार का ठीकरा प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील के सिर पर फोड़ते हुए उन्हें हटाने का फैसला कर लिया है। आलाकमान स्थिति का आकलन नहीं कर पाने के कारण उनसे पूरी तरह खफा है।

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केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि आलाकमान विपक्ष के नेता पर फैसला करेगा और पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष भी नियुक्त करेगा। उन्होंने कहा कि कतील का कार्यकाल समाप्त हो गया है। चुनाव के चलते आलाकमान ने उन्हें नहीं हटाया। उन्होंने कहा कि अब नए उम्मीदवार की नियुक्ति की जाएगी। जोशी ने कहा कि विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष पर फैसला होगा। इससे पहले पार्टी के एक राष्ट्रीय नेता भी यहां आएंगे।

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बीजेपी सूत्रों का कहना है कि आलाकमान स्थिति का आकलन नहीं कर पाने के कारण कतील से पूरी तरह खफा है। कतील के पूरे कार्यकाल में पार्टी ने उनका समर्थन किया था और यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और वरिष्ठ नेताओं को भी उनके सामने घुटने टेकने पड़े थे। पार्टी ने येदियुरप्पा और उनके बेटे बीवाई विजयेंद्र को कतील पर भारी पड़ने का कोई मौका नहीं दिया।

सूत्रों ने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजों ने उनकी राह पलट दी है। हालांकि, बीजेपी शुरुआत में मजबूती दिखा रही थी, लेकिन वह राज्य में अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस ने आक्रामक तरीके से लिंगायत, दलित और ओबीसी वोट बैंक पर कब्जा कर लिया और वह लोकसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार कर रही है।

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बीजेपी सूत्रों का कहना है कि परिणामों से पता चला है कि वोक्कालिगा शिवकुमार के साथ हैं। अल्पसंख्यक और दलित सिद्धारमैया के साथ हैं, और लिंगायत समुदाय के लिए पार्टी की पहुंच के साथ कांग्रेस में स्थानांतरित हो गए हैं। ऐसे में बीजेपी गति की तलाश में है। कायाकल्प की दिशा में पहले कदम के रूप में बीजेपी ने एक नया चेहरा नियुक्त करने का फैसला किया है, जो जनता से अपील कर सके।

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