शिवसेना (यूबीटी) प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता आनंद दुबे ने सोमवार को आईएएनएस से खास बातचीत में कई अहम मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने महाराष्ट्र के मंत्री और बीजेपी विधायक नितेश राणे के विवादास्पद बयान पर कड़ी टिप्पणी की। इसके अलावा, उन्होंने मुस्लिम समुदाय द्वारा नए साल का जश्न मनाने पर जारी फतवे के संबंध में भी अपनी बात रखी।
आनंद दुबे ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और बीजेपी विधायक नितेश राणे द्वारा हाल ही में दिए गए बयान पर गहरी नाराजगी जताई। राणे ने केरल को "मिनी पाकिस्तान" करार दिया था। दुबे ने सवाल उठाया, "जब केंद्र सरकार के पास खुफिया जानकारी होती है और गवर्नर की नियुक्ति भी राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, तो क्या उन्हें यह नहीं पता था कि केरल में मिनी पाकिस्तान है? उन्होंने इसे एक शर्मनाक बयान करार दिया और कहा कि बीजेपी नेता ऐसे बयान देकर केवल समाज में विभाजन और नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं।"
Published: undefined
उन्होंने कहा कि बीजेपी को यह समझना चाहिए कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हर नागरिक को मतदान का अधिकार है। जो नेता इस तरह के बयान देते हैं, वह केवल वोटों की राजनीति करते हैं। उन्हें इस प्रकार के बयान देने के लिए मंत्री बना दिया जाता है। बीजेपी हमेशा से नफरत की राजनीति करती आई है और इस तरह का बयान वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा हैं।
बीजेपी पर जुबानी हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी के नेता किसी को आतंकवादी कहने तक तैयार हैं, तो यह लोकतंत्र की हत्या है। नितेश राणे, गिरिराज सिंह और हेमंत शर्मा जैसे नेताओं को यह समझना चाहिए कि इस तरह के बयान न केवल समाज में असहमति और हिंसा को बढ़ावा देते हैं, बल्कि यह उनके नेताओं की नाकामी को भी उजागर करते हैं। बीजेपी इस समय द्वंद्व और नफरत फैलाने वाली राजनीति में व्यस्त है, जबकि देश को आर्थिक सुधार और सामाजिक सौहार्द की आवश्यकता है।
Published: undefined
आनंद दुबे ने विपक्ष की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि वर्तमान में बीजेपी द्वारा विपक्ष को मौन करने की कोशिश की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि वह विपक्ष मुक्त भारत चाहते हैं, लेकिन जब विपक्ष की आवाज को दबाया जाता है, तो कौन सुनता है? हमारे जैसे विपक्षी दल क्या कर सकते हैं जब सत्ता की पूरी ताकत उनके पास हो? उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी आवाजों का सम्मान होना चाहिए, और सत्ता में बैठी सरकार को अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए।
आनंद दुबे ने मौलाना शहाबुद्दीन रजबी के बयान पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने मुसलमानों से आग्रह किया था कि वे नया साल न मनाएं। उन्होंने कहा कि यह बयान नफरत फैलाने वाला है। पूरा विश्व 31 दिसंबर को नया साल मनाता है और खुशी का पर्व मनाता है। अगर कोई धर्म इसे नहीं मानता तो वह अपनी आस्था की व्यक्तिगत बात हो सकती है, लेकिन दूसरों को रोकने की कोशिश करना गलत है। मौलाना को अपनी शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए और अपने ज्ञान को दुरुस्त करना चाहिए। जो लोग धर्म के नाम पर नफरत फैलाते हैं, वे समाज के लिए खतरनाक होते हैं। अगर मौलाना पढ़े-लिखे नहीं हैं, तो उन्हें शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए।
Published: undefined
आनंद दुबे ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के नीचे शिवलिंग होने की बात कही थी। उनके बयान पर दुबे ने कहा कि यह बयान केवल राजनीति का हिस्सा है। अगर आप खोदने का शौक रखते हैं तो पाकिस्तान, बांग्लादेश या भारत के किसी भी हिस्से को खोद डालिए, हो सकता है वहां कुछ नया निकल जाए। लोग केवल नफरत की राजनीति में फंसे हुए हैं। हम चाहते हैं कि सरकार गरीबी और बेरोजगारी के खिलाफ लड़ाई में ध्यान दे, न कि किसी और बात पर। देश में जो समस्याएं हैं, उन्हें हल करने की बजाय हम खुदाई की बातें कर रहे हैं।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined