आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली चुनाव से पहले अलग-अलग विधानसभा में बीजेपी द्वारा साजिश करके 'आप' के वोट कटवाने के आरोप लगाए हैं। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली के सात विधानसभा इलाकों से बीजेपी ने साजिश करके 22,000 से ज्यादा वोटर के नाम कटवाने की एप्लीकेशन दी है।
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राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली में सरेआम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। चुनाव आयोग द्वारा समरी-रिवीजन का समय समाप्त होने के बाद भी वोट कटवाने की एप्लीकेशन क्यों दी जा रही है? उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार, एक व्यक्ति वोट कटवाने की 10 से ज़्यादा एप्लीकेशन नहीं दे सकता और यहां एक ही इंसान 100 से ज़्यादा आवेदन कैसे दे रहा? राघव चड्ढा ने कहा कि चुनाव आयोग भी अन्य सभी राजनीतिक दलों को अंधेरे में रखकर वोट काटने की कार्रवाई कर रहा है।
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राघव चड्ढा ने तुगलकाबाद विधानसभा के आंकड़े को सामने रखते हुए कहा कि तुगलकाबाद विधानसभा क्षेत्र के लालकुआं इलाके के बूथ नंबर 117 पर 1,337 वोट हैं। इस बूथ पर 556 लोगों के वोट काटने की एप्लीकेशन दी गई है। इसमें भी 554 लोगों के वोट कटवाने की एप्लीकेशन बीजेपी के दो लोगों ने दी है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि जब बीजेपी अरविंद केजरीवाल को रोकने और उन्हें चुनाव में हराने में असमर्थ रही, तो अन्य तरीकों से जीतने की कोशिश कर रही है। बीजेपी के इस गैरकानूनी काम में चुनाव आयोग का साथ देना बेहद खतरनाक है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर समेत लाखों शहीदों ने अपनी जान देकर हमें अंग्रेजों से आजादी दिलाई और जनता को वोट डालने का अधिकार दिलाया। अब बीजेपी लोगों से वोट डालने का अधिकार छीनकर संविधान और बाबा साहेब के विजन की हत्या कर रही है।
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मनीष सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी को लगा होगा कि वे इस निर्वाचन क्षेत्र में हार जाएंगे और उनके पास वहां पर्याप्त समर्थक नहीं हैं, यही वजह है कि वे मतदाताओं का नाम हटवाने की रणनीति में लगे हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि रोहिंग्याओं को दिल्ली में बीजेपी ने ही बसाया है। खुद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उन्हें सरकारी आवास देने की बात कही है। अब चुनाव के समय बीजेपी वाले रोंहिग्या के नाम पर ड्रामा कर रहे हैं।
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दरअसल बीजेपी, आप पर उसके कार्यकाल के दौरान बांग्लादेश और म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों को मतदाता के रूप में शामिल करने का आरोप लगा रही है, जिससे राजनीतिक बहस तेज हो गई है। अगले साल फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अवैध अप्रवासियों का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है। आप लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश में है, जबकि बीजेपी 25 साल बाद राजधानी में सत्ता हासिल करना चाहती है।
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