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BJP का बुलडोजर मानवता के लिए खतरा- प्रियंका गांधी ने कानपुर की घटना पर योगी सरकार को घेरा

कानपुर देहात में सोमवार को अतिक्रमण हटाने की घटना के दौरान मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई। आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव के दबंगों के साथ मिलकर उनकी झोपड़ी में आग लगा दी, जिसमें परिवार के अन्य लोग बच कर निकल गए, लेकिन मां और बेटी की मौत हो गई।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

कांग्रेस महासचिव प्रियांका गांधी ने उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में सोमवार को अतिक्रमण हटाने के दौरान घर में आग लगने से मां-बेटी की हुई मौत की घटना को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी का बुलडोजर, मानवता के लिए खतरा बन चुका है। साथ ही उन्होंने कानपुर के पीड़ित परिवार के लिए न्याय और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर कहा, "बीजेपी सरकार के बुलडोजर पर लगा अमानवीयता का चश्मा इंसानियत और संवेदनशीलता के लिए खतरा बन चुका है। कानपुर की हृदयविदारक घटना की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। हम सबको इस अमानवीयता के खिलाफ आवाज उठानी होगी। कानपुर के पीड़ित परिवार को न्याय मिले और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।"

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गौरतलब है कि कानपुर देहात में सोमवार को अतिक्रमण हटाने की घटना के दौरान मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई। जिसमें परिवार का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव के दबंगों के साथ मिलकर उनकी झोपड़ी में आग लगा दी, जिसमें परिवार के अन्य लोग बच कर निकल गए, लेकिन मां और बेटी की मौत हो गई। इस घटना में गृह स्वामी भी बुरी तरह घायल हो गए हैं।

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दरअसल कानपुर देहात में सोमवार को पुलिस-प्रशासन सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने गया था। इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है। इसमें दिख रहा है कि एक महिला चिल्लाते हुए दौड़कर झोपड़ी में जाती है। वह अंदर से दरवाजा बंद कर लेती है। पुलिस भी वहां पहुंचती है। दरवाजा तोड़ देती है। इसी दौरान, जेसीबी से झोपड़ी की छत तोड़ दी जाती है और तभी उसमें आग लग जाती है। महिला और उसकी बेटी अंदर थीं। फिर चिल्लाने की आवाज आती है और दोनों मां-बेटी की जलकर मौत हो जाती है।

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इस घटना को लेकर मृतका प्रमिला के पति कृष्ण गोपाल दीक्षित ने कहा कि बुलडोजर लेकर एसडीएम और तहसीलदार आए थे। ये लोग अधिकारियों से बोले कि आग लगा दो तो अफसरों ने आग लगा दी। हम लोग (बेटा और मैं) तो किसी तरह झोपड़ी से बाहर निकले, लेकिन मां-बेटी अंदर रह गई और जलकर उनकी मौत हो गई। हम लोगों को जलता हुआ छोड़कर ही अफसर लोग भाग गए। किसी ने किसी तरह की कोई मदद नहीं की।

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