जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे और बिहार लोक सेवा अयोग (बीपीएससी) परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर यहां जनता दल (यूनाइटेड) के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
जेएनयूएसयू ने एक बयान में कहा कि जिस समय कुमार कार्यालय के दौरे पर आए थे उस समय यह विरोध प्रदर्शन किया गया। कुमार जद(यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।
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जेएनयूएसयू के अध्यक्ष धनंजय ने कहा कि अपनी आवाज उठा रहे अभ्यर्थियों को इस तरह दबाना अस्वीकार्य है और इसीलिए संगठन बिहार के मुख्यमंत्री के तत्काल इस्तीफे की मांग कर रहा है।
बीपीएससी द्वारा आयोजित 70वीं एकीकृत संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई), 2024 का प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों के कारण अभ्यर्थी एक सप्ताह से अधिक समय से परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने तर्क दिया है कि केवल एक केंद्र में दोबारा परीक्षा कराना अनुचित होगा।
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पुलिस ने 29 दिसंबर को पटना में प्रदर्शन कर रहे छात्रों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।
जेएनयूएसयू के संयुक्त सचिव साजिद ने परीक्षा रद्द करने की मांग दोहराई और कथित अनियमितताओं के शिकार अभ्यर्थियों के साथ एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘छात्रों की आवाज को दबाया नहीं जाएगा। न्याय और जवाबदेही की उनकी मांगें गूंजती रहेंगी।’’
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कर्मचारी सेवा आयोग के काउंसलर नीतीश ने ‘‘शिक्षा माफिया’’ की आलोचना की और छात्रों की एक पीढ़ी के भविष्य को खतरे में डालने का आरोप लगाया।
उन्होंने बार-बार पेपर लीक होने के कारण छात्रों के समय की बर्बादी, मानसिक स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभावों का भी जिक्र डाला और अधिकारों के लिए प्रदर्शन करने वालों के प्रति बढ़ते कथित दमनकारी रुख की निंदा की।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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