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CAA Protest: सदफ जाफर और एसआर दारापुर को मिली जमानत, कोर्ट में पुलिस ने माना- नहीं है कोई सबूत

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पूर्व आईजी एसआर दारापुरी और सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जाफर को लखनऊ की एक कोर्ट से जमानत मिल गई है। इनके साथ ही कोर्ट ने एक्टिविस्ट पवन अंबेडकर को भी जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशव्यापी विरोध के दौरान उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए प्रदर्शन को लेकर यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस प्रवक्ता सदफ जाफर, पूर्व आईजी एसआर दारापुरी और एक्टिविस्ट पवन अंबेडकर को कोर्ट से जमानत मिल गई है। इन सभी को 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लखनऊ में हुए प्रदर्शन के बाद गिरफ्तार किया गया था और सभी पिछले 14 दिन से जेल में बंद थे।

Published: 03 Jan 2020, 5:26 PM IST

मिली जानकारी के अनुसार इन सबी को लखनऊ की एक सत्र न्यायालय से जमानत मिली है। तीनों की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उस समय प्रदेश सरकार और यूपी पुलिस की फजीहत हो गई, जब सत्र न्यायाधीश ने आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य के बारे में पूछा तो सरकारी वकील ने कोर्ट में स्वीकार किया इन सभी में से किसी के खिलाफ हिंसा फैलाने का कोई भी सबूत पुलिस के पास नहीं है। साथ ही पुलिस ने ये भी स्वीकार किया है कि प्रदर्सन के दौरान इन सभी के किसी तरह की हिंसा में शामिल होने का कोई वीडियो फुटेज भी पुलिस के पास नहीं है।

Published: 03 Jan 2020, 5:26 PM IST

बता दे कि लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जाफर को पुलिस ने 19 दिसंबर को लखनऊ के एक इलाके में नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार किया था। खास बात ये है कि गिरफ्तारी के समय जाफर फेसबुक लाइव कर रही थीं, जिसमे साफ दिख रहा था कि झड़प के दौरान वह पुलिस की तरफ थीं और बार-बार पुलिस अधिकारियों से पत्थर फेंकने वालों और उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रही थीं। तभी इसी दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और गिरफ्तार कर लिया। बाद में पुलिस हिरासत में जाफर को पुरुष पुलिसकर्मियों लातों और डंडों से बेरहमी से पीटने की भी खबरें आई थीं, जिससे पुलिस ने इनकार किय़ा था और दावा किया था कि उनके पास सदफ की आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के पर्याप्त सबूत हैं।

Published: 03 Jan 2020, 5:26 PM IST

इसी तरह पुलिस ने लखनऊ के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व आईपीएस अधिकारी एसआर दारापुरी को नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से पहले ही से घर में नजरबंद रखने के बाद पूछताछ के नाम पर थाने ले जाकर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इन दोनो के साथ ही एक्टिविस्ट पवन अंबेडकर को भी इसी तरह के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन अब कोर्ट के सामने पुलिस ने इन सबी के खिलाफ किसी भी तरह के साक्ष्य होने से इनकार कर दिया है। इन सबी की गिरफ्तारी को लेकर लखनऊ से दिल्ली तक काफी विरोध हुआ था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लखनऊ पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद लखनऊ में एसआर दारापुरी के घर जाकर उनकी पत्नी से मुलाकात की थी। प्रियंका गांधी ने सदफ जाफर के घर जाकर उनके बच्चों से भी मुलाकात की थी।

Published: 03 Jan 2020, 5:26 PM IST

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Published: 03 Jan 2020, 5:26 PM IST