शिक्षा मंत्रालय द्वारा बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित किए जाने की बात पर विचार-विमर्श शुरू किए जाने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने परीक्षाएं आयोजित किए जाने की तैयारी पर चिंता जताई और कहा कि विद्यार्थियों का स्वास्थ्य और सुरक्षा मायने रखती है। उन्होंने कहा, "मैं पहले भी कह चुकी हूं और अब भी कह रही हूं। बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है, जितना की शारीरिक देखभाल। यह एक ऐसा वक्त है, जब हमारी शिक्षा प्रणाली ने बच्चों की बेहतरी के लिए संवेदनशीलता का रुख अपनाया है और इन मुद्दों को गंभीरता से लेना शुरू किया है।"
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वह आगे कहती हैं, "किसी बंद जगह पर लोगों के जमाव से कोरोना के प्रसार को बढ़ावा मिलेगा। इस लहर में हमने देखा है कि नए स्ट्रेन का प्रभाव बच्चों पर ज्यादा है। पहले से ही अपनी परीक्षाओं के लिए दबाव झेल रहे बच्चों से यह उम्मीद लगाना कि वे दिनभर एक लंबे समय तक के लिए अपनी सुरक्षा के लिए कई सारी चीजें पहनकर रहें, यह किसी भी मायने में अनुचित है। इनमें से कइयों के परिवार में ऐसे भी लोग होंगे, जो पहले से ही कोविड की मार झेल रहे हों। लोग पहले से ही परेशानी में हैं।"
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सीबीएसई बोर्ड में बारहवीं कक्षा की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान होने वाली परीक्षाओं की तैयारी को लेकर अपनी चिंताएं साझा कर रहे हैं।
प्रियंका पूछती हैं, "बच्चों की सुरक्षा और सेहत मायने रखती हैं। हम सबक क्यों नहीं ले रहे हैं?"
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अप्रैल में दसवीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द कर दी थीं, जबकि देशभर में कोविड-19 के मामलों में तेजी से हो रही वृद्धि को देखते हुए बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं भी स्थगित करने पर विचार किया जा रहा है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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