कुंभ नगरी हरिद्वार में 14 अप्रैल के मुख्य शाही स्नान के बाद कोरोना का कहर तेजी से अपना असर दिखाने लगा है। खबरों के मुताबिक, कोरोना वायरस की चपेट में कई संत-संन्यासी आ चुके हैं। ऐसे में गंगा स्नान के जरिए कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा बना हुआ है। महामना मालवीय गंगा नदी विकास एवं जल संसाधन प्रबंधन शोध केंद्र बीएचयू के चेयरमैन और नदी विज्ञानी प्रो. बीडी त्रिपाठी ने लोगों से अपील की है कि वह आगामी 15 दिनों तक गंगा स्नान से दूरी बनाकर रखें।
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उन्होंने नमामि गंगे के अधिकारियों को भी पत्र लिखकर यह मांग की है कि वह गंगा बेसिन क्षेत्र में अलर्ट जारी करें। प्रो. बीडी त्रिपाठी का कहना है कि कोरोना वायरस की दवा अब तक नहीं बनी है और अभी तक गंगाजल द्वारा कोरोना वायरस के खात्मे की शोध रिपोर्ट भी नहीं पूरी हुई है। ऐसे में लोगों को गंगा स्नान और गंगा तट से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
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बता दें कि हरिद्वार कुंभ में स्नान के बाद अब तक अखाड़ों से जुड़े करीब 40 साधु-संतों को कोरोना संक्रमण हो चुका है। महामंडलेश्वर कपिल देव दास की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई। वहीं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, अन्नपूर्णा मठ मंदिर के महंत रामेश्वर पुरी अस्पताल में भर्ती हैं। शाही स्नान में 49 लाख 31343 के करीब श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं। वहीं अब तक 2483 कोरोना संक्रमित मिले हैं।
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