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हाथरस मामले के आरोपी लवकुश के घर से 'लाल दाग' वाली शर्ट बरामद, सीबीआई कराएगी फोरेंसिक जांच

हाथरस कांड की जांच कर रही सीबीआई टीम ने मामले के आरोपियों के घर की तलाशी में लाल दाग लगी एक शर्ट बरामद की है। सीबीआई को शक है कि यह दाग खून के हो सकते हैं। सीबीआई इस शर्ट की फोरेंसिक जांच कराएगी।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया ANI

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) टीम ने हाथरस सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले की जांच के दौरान आरोपी लवकुश के घर पर छापेमारी की। तलाशी में सीबीआई की टीम को लवकुश के घर से 'लाल दाग' वाली एक शर्ट मिली है। इसके बाद इस बात को लेकर संदेह बढ़ गया है कि कहीं इस शर्ट पर खून के निशान तो नहीं हैं। एजेंसी के अधिकारियों ने यह कहते हुए शर्ट को अपने कब्जे में ले लिया है कि इसकी फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी, क्योंकि यह लाल निशान खून के भी हो सकते हैं। हालांकि आरोपी के परिवार ने ऐसे दावों का खंडन किया है।

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आरोपियों के परिवार ने कहा कि आरोपी का बड़ा भाई रवि एक फैक्टरी में पेंटर का काम करता है और इसी वजह से उसके कपड़ों पर रंग के लाल धब्बे लगे हुए हैं। लवकुश के छोटे भाई ललित ने बताया, "सीबीआई दो घंटे से अधिक समय तक घर में रही और उन्होंने सब कुछ खोजा, लेकिन कोई सबूत नहीं मिला। इसलिए उन्होंने लाल रंग के धब्बे वाली शर्ट को उठाया और उसे अपने साथ ले गए।" ललित ने एक वीडियो संदेश भी जारी किया।

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ध्यान रहे कि हाथरस जिले के एक गांव में 19 वर्षीय एक लड़की के साथ कथित रूप से चार सितंबर को चार आरोपियों ने दुष्कर्म किया और फिर उसका गला घोंटा गया। बाद में दिल्ली के एक सरकारी अस्पतााल में इलाज के दौरान लड़की की मौत हो गई। इस मामले की सीबीआई जांच की जा रही है। सीबीआई की टीम पिछले चार दिनों से हाथरस के बुलगड़ी गांव में है और उसने पीड़िता के पिता और भाइयों से भी बातचीत की है।

जानकारी के मुताबिक सीबीआई के अधिकारी पीड़ित के भाइयों में से एक को अपराध स्थल पर भी ले गए थे। पीड़िता की मां और चाची भी गांव के बाहरी इलाके में स्थित अपराध स्थल, बाजरे के खेत में गई थीं। सीबीआई टीम ने गुरुवार को सभी चार आरोपियों के घरों का दौरा किया और उनके परिवार के सदस्यों से व्यापक पूछताछ की।

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इस बीच, यूपी पुलिस की विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सामूहिक बलात्कार मामले में अपनी जांच पूरी करने का दावा किया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय एसआईटी ने 30 सितंबर को अपनी जांच शुरू की थी और पीड़ित परिवार के सदस्यों, आरोपियों के परिवार और अन्य ग्रामीणों के बयान लिए थे।

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