तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने सोमवार को केंद्र सरकार से हाल ही में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को युक्तिसंगत बनाने का दावा करते हुए दरों में किए गए बदलाव के कारण राज्य को राजस्व नुकसान का दावा किया है। उन्होंने केंद्र से इस नुकसान की भरपाई पांच साल तक करने की मांग की है। सीएम रेड्डी ने याद दिलाया कि जब जीएसटी लागू किया गया था तब वादा किया गया था कि अगर कर वृद्धि दर 14 प्रतिशत से कम हो जाती है, तो केंद्र सरकार राजस्व नुकसान की भरपाई करेगी।
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मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा, “अब भी, अगर दरों में बदलाव के कारण राजस्व में कोई कमी आती है, तो केंद्र सरकार को उस कमी को पूरा करना चाहिए, क्योंकि राज्य की योजनाएं अपेक्षित आय पर आधारित होती हैं। अब केंद्र ने (दरों को युक्तिसंगत बनाने पर) एक निर्णय लिया है। जिन राज्यों को राजस्व में कमी का सामना करना पड़ सकता है, उनकी राजस्व क्षति की भरपाई करना केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी है।”
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उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क ने केंद्र को अपना ज्ञापन दे दिया है। रेड्डी ने कहा कि वह केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी से अपील कर रहे हैं कि तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री राजस्व नुकसान का विवरण देते हुए एक पत्र लिखेंगे और यह केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी है कि वह इस मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष उठाएं और सुनिश्चित करें कि राज्य को मुआवजा मिले।
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मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा, “राज्य सरकार केंद्र से राजस्व नुकसान की भरपाई करने की मांग कर रही है।” राज्या के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने इससे पहले कहा था कि जीएसटी ढांचे से राज्य को सालाना लगभग 7,000 करोड़ रुपये के कर राजस्व का नुकसान होगा और उन्होंने केंद्र से इसकी भरपाई करने की मांग की थी।
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