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चंद्रयान-2: आग उगलते रॉकेट को देखने लिए 7500 लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन, बनना चाहते है इतिहास का गवाह

भारत के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग का साक्षी बनने के लिए 7500 लोगों ने ऑनलाइन अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। इसरो ने हाल ही में आम जनता को भी प्रक्षेपण देखने की अनुमति दे दी है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

सोमवार दोपहर को चंद्रयान-2 ले जाने वाले भारत के रॉकेट जियोसिंक्रोनिक सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल- मार्क तृतीय (जीएसएलवी -एमके तृतीय) का प्रक्षेपण देखने के लिए 7,500 लोगों ने इसरो में ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। लॉन्च देखने के लिए विभिन्न स्थानों के लोगों ने पंजीकरण कराया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक अधिकारी ने कहा, “रॉकेट का प्रक्षेपण देखने के लिए कुल 7,500 लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है।”

Published: 22 Jul 2019, 11:42 AM IST

इसरो ने हाल ही में आम जनता को भी प्रक्षेपण देखने की अनुमति दे दी है। इसके लिए एक गैलरी बनाई गई है। गैलरी की क्षमता हालांकि करीब 10,000 लोगों की है, इसरो की योजना यह संख्या धीरे-धीरे बढ़ाने की है। अपने पीछे नारंगी आग उगलते हुए रॉकेट को आसमान की ओर बढ़ते देखना एक अद्भुत अनुभव होगा।

Published: 22 Jul 2019, 11:42 AM IST

इसरो ने आंध्र प्रदेश सरकार से सुल्लुरुपेटा और प्रक्षेपण स्थल के बीच शटल चलाने का आग्रह किया, जिससे वहां आने वालों को परेशानी ना हो। प्रक्षेपण देखने आने वालों के परिवहन के साधनों की जानकारी लेते हुए इसरो ने पार्किंग की व्यवस्था की है।

Published: 22 Jul 2019, 11:42 AM IST

मिशन चंद्रयान-2 की खास बातें:

भारत का दूसरा मून मिशन चंद्रयान-2 रोबोटिक अंतिरिक्ष खोज की दिशा में देश का पहला कदम है। चंद्रयान-2 करीब 6,000 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चांद की परिक्रमा करते हुए खुद अपनी रफ्तार को कम और ज्यादा करने की क्षमता होगी और यह चांद के अपरिचित क्षेत्र में सुरक्षित उतर सकता है। यह पूरा कार्य 16 मिनट के भीतर होगा और उतरते समय यह खुद ही उतरने की जगह भी तय करेगा।

Published: 22 Jul 2019, 11:42 AM IST

मिशन चंद्रयान-2 किसी खगोलीय पिंड पर उतरने का इसरो का पहला अभियान है और यह 2008 में प्रक्षेपित चंद्रयान-1 की ही अगली कड़ी है। इसरो के अनुसार, इस अभियान का मकसद चंद्रमा की उत्पत्ति और क्रमिक विकास को समझने के लिए विस्तृत अध्ययन करना है। चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह पर पानी के प्रसार और मात्रा का अध्ययन करेगा। यह मौसम का अध्ययन करेगा। चंद्रमा की सतह में मौजूद खनिजों और रासायनिक तत्‍वों का अध्‍ययन के साथ चंद्रमा के बाहरी वातावरण का भी अध्ययन करेगा।

Published: 22 Jul 2019, 11:42 AM IST

भारत मिशन चंद्रयान-2 की सफलता के साथ अपने अंतरिक्ष अभियान में अमेरिका, रूस और चीन के समूह में शामिल हो जाएगा। चंद्रयान-2 की कुल लागत करीब 12.4 करोड़ डॉलर है, जिसमें 3.1 करोड़ डॉलर लांच की लागत है और 9.3 करोड़ डॉलर उपग्रह की। यह लागत हॉलीवुड की फिल्म ‘एवेंजर्स एंडगेम’ की लागत की आधी से भी कम है। इस फिल्म का अनुमानित बजट 35.6 करोड़ डॉलर थी।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

Published: 22 Jul 2019, 11:42 AM IST

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Published: 22 Jul 2019, 11:42 AM IST