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चेन्नई की आबोहवा हुई जहरीली! कई इलाकों में तीखी गंध के साथ लोगों ने की आंखों में जलन की शिकायत, फूल रही सांसें

तमिलनाडु के वन और पर्यावरण मंत्री वी. शिव मेयनाथन ने टीएनपीसीबी को क्षेत्र में वायु गुणवत्ता पर विस्तृत अध्ययन करने का निर्देश दिया है। तिरुवोट्टियूर और मनाली के निवासियों ने पहले ही सांस फूलने की शिकायत भी की है।

फोटो: IANS
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चेन्नई के तिरुवोट्टियूर और मनाली के निवासियों की ओर से उनके आसपास पर्यावरण में मौजूद तीखी गंध की शिकायत की जा जारी है। लोगों की ओर से की जा रही लगातार शिकायतों के बाद तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी) ने वायु गुणवत्ता की जांच तेज कर दी है। इन इलाकों में पिछले 15 दिनों से एलपीजी गैस रिसाव जैसी दुगर्ंध आ रही है और सोमवार व मंगलवार को कई रहवासियों ने आंखों में जलन की शिकायत की।

तमिलनाडु के वन और पर्यावरण मंत्री वी. शिव मेयनाथन ने टीएनपीसीबी को क्षेत्र में वायु गुणवत्ता पर विस्तृत अध्ययन करने का निर्देश दिया है। तिरुवोट्टियूर और मनाली के निवासियों ने पहले ही सांस फूलने की शिकायत भी की है।

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स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के संयोजक महेश कृष्णमूर्ति ने तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने और इस समस्या से जल्द ही निपटने का आह्वान किया है।

एसजेएम नेता ने कहा, "पीसीबी को विस्तार से अध्ययन करना होगा कि तिरुवोट्टियूर और मनाली में क्या हो रहा है। मनाली क्षेत्र में कई अत्यधिक प्रदूषणकारी उद्योग हैं और यह पता लगाया जाना है कि क्या यह इन प्रदूषणकारी उद्योगों के कारण ही हो रहा है? अगर ऐसा है तो सरकार को इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।"

मंगलवार को चार-पांच स्कूली बच्चों ने आंखों में जलन की शिकायत की थी और इसके बाद उनका मेडिकल चेकअप कराना पड़ा था।

तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 2019 और 2020 के आंकड़ों के आधार पर चेन्नई क्लाइमेट एक्शन ग्रुप द्वारा स्टैक उत्सर्जन की पहले रिपोर्टें थीं और इसने विशेष रूप से इंगित किया है कि मनाली और एन्नोर में उद्योगों की ओर से उत्सर्जन की निगरानी और रिपोर्ट करने में ढिलाई बरती जा रही है।

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चेन्नई के कई पर्यावरणविद बताते हैं कि हवा में एक पखवाड़े से अधिक समय से तीखी गंध का कारण यही हो सकता है।

चेन्नई में जलवायु अध्ययन केंद्र से जुड़े सुजीत रामकुमार ने बात करते हुए कहा, "इस गंध के कारण का तुरंत पता लगाना होगा। हम मामले की निगरानी कर रहे हैं और मनाली के पेट्रोकेमिकल समूहों के आसपास के सात से अधिक इलाकों के लोगों से बात की गई है।"

उनका कहना है कि राज्य सरकार को तुरंत पीसीबी को इस मामले का सही प्रकार से संज्ञान लेने और जल्द से जल्द इस समस्या से निपटने का निर्देश देना चाहिए।

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