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मध्य प्रदेश: कमल नाथ की मांग- कोरोना से मरने वालों के परिजनों को दिया जाए 5 लाख का मुआवजा

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कोरोना की चपेट में आकर जान गंवाने वालों के परिजनों को मुआवजा सुनिश्चित करने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद राज्य सरकार से मृतकों के परिजनों को पांच लाख का मुआवजा दिए जाने की मांग की है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ ने कोरोना की चपेट में आकर जान गंवाने वालों के परिजनों को मुआवजा सुनिश्चित करने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद राज्य सरकार से मृतकों के परिजनों को पांच लाख का मुआवजा दिए जाने की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, "सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि कोरोना से मृत व्यक्ति के परिवार को मुआवजा देना सुनिश्चित किया जाए। मुआवजा तय करने के लिए नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) को छह हफ्ते का समय दिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार की विफलता को दिखाता है। होना तो यह चाहिए था कि सरकार कार्यपालिका के रूप में स्वयं अपनी जिम्मेदारी निभाती और न्याय पालिका को फैसला सुनाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।"

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कमल नाथ ने मांग की है कि केंद्र सरकार प्राकृतिक आपदा में मरने वाले व्यक्ति के परिजन को कम से कम चार लाख का मुआवजा दे, क्योंकि पहले से ही चार लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है, एनडीएमए जो भी फार्मूला बनाए, उसमें इस तथ्य को ध्यान में रखे। मध्य प्रदेश सरकार पहले ही कोरोना से मृत व्यक्ति को एक लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा कर चुकी है। इस तरह केंद्र और राज्य सरकार मिलकर मध्य प्रदेश में कोरोना से मृत हर व्यक्ति के परिजन को कम से कम पांच लाख रुपये मुआवजा देना सुनिश्चित करे।

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पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार पर मृतकों के आंकड़े छुपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में यह बराबर देखने में आ रहा है कि राज्य सरकार मृतकों के आंकड़े जानबूझकर घटा रही है। देश और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस आशय के समाचार प्रकाशित हो चुके हैं, जिनसे पता चलता है कि मध्य प्रदेश में जितने लोग कोरोना से मरे हैं, उससे बहुत कम लोगों की मृत्यु कोरोना से होना सरकार ने स्वीकार किया है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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