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राफेल डील के मुद्दे पर कांग्रेस के तेवर तीखे, पीएम और रक्षा मंत्री के खिलाफ लाएगी विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव

पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल विमानों की कीमत बताने में देश को गुमराह किया है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री के तौर पर मैंने कई रक्षा सौदों की कीमत संसद में बताई है क्योंकि इन सौदों की कई स्तरों पर निगरानी होती है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया राफेल मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में कांग्रेस

राफेल डील के मुद्दे पर देश और संसद को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने पीएम मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। कांग्रेस ने कहा कि राफेल डील पर दोनों नेताओं ने संसद को गुमराह किया है, ये विशेषाधिकार हनन का मामला है। कांग्रेस इसको लेकर लोकसभा में नोटिस भी देगी। अगर जरूरी होगा तो इसके लिए सांसद सदन के अंदर जरूरी कदम उठाएंगे।

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पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल विमानों की कीमत बताने में देश को गुमराह किया है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री के तौर पर मैंने कई रक्षा सौदों की कीमत संसद में बताई है क्योंकि इन सौदों की कई स्तरों पर निगरानी होती है।

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कांग्रेस ने पूछा कि अगर कोई गुप्त समझौता नहीं तो कीमतें बताने में एतराज क्यों?

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार को संसद में जवाब देना चाहिए। प्रधानमंत्री भारत और फ्रांस के बीच हुए 126 जहाजों के समझौते से पूरी तरह वाकिफ थे। प्रधानमंत्री को इस बात को स्वीकार करना चाहिए या इससे इंकार करना चाहिए कि उनकी फ्रांस यात्रा के बाद बिना सुरक्षा संबंधित कैबिनेट कमिटी को बताए समझौते को बदल दिया गया।

आनंद शर्मा ने यह भी बताया कि फ्रांस की सरकार के वक्तव्य ने यह साफ कर दिया है कि जहाजों की कीमत गुप्त समझौते का हिस्सा नहीं था।

उन्होंने जोड़ा कि रक्षा मंत्री का संसद में वक्तव्य और सरकार के संसद में दिए गए जवाब में विरोधाभास है।

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कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री 2008 के जिस समझौते का सहारा लेकर बचने की कोशिश कर रहे हैं उसमें सिर्फ जहाजों और हथियारों के बारे चुनिंदा जानकारी बताने से रोका गया है, कीमत बताने से नहीं।

उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्री ने नवंबर 2016 में कीमत बताई थी, लेकिन अब प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री कह रहे हैं कि गुप्त समझौते के कारण कीमत नहीं बताई जा सकती। जबकि फ्रांस के राष्ट्रपति यह कह चुके हैं कि कीमत बताई जा सकती है।

उन्होंने पूछा कि आखिर क्यों प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री देश को गुमराह कर रहे हैं?

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