बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य में मतदाताओं के गहम पुनरीक्षण का विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कांग्रेस ने 9 अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर चुनाव आयोग की इस विवादित कवायद को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर विपक्ष की याचिका को स्वीकार कर लिया है और सुनवाई के लिए गुरुवार, 10 जुलाई 2025 को सूचीबद्ध कर दिया है।
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इसकी जानकारी देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने 'एक्स' पर लिखा, "कांग्रेस ने 9 अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर चुनाव आयोग के 'त्रुटिपूर्ण और विनाशकारी' विशेष गहन पुनरीक्षण को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी। यह एक ऐसा अभ्यास है, जिसकी दुर्भावनापूर्ण और मनमानी प्रक्रिया के कारण भारी संख्या में मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने की पूरी आशंका है। पूरा विपक्ष इस जनविरोधी कवायद के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सुनवाई के लिए 10 जुलाई को सूचीबद्ध किया है। सत्यमेव जयते।"
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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट का मामला गरमाया है। इस मामले पर आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार सबको बर्बाद करने वाली है। मोदी सरकार ने पहले महाराष्ट्र में 75 लाख वोट बढ़ाए और अब बिहार में चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में घपला कर रही है और 2 करोड़ वोट काट रही है। अगर ऐसा करके चुनाव लड़ा जा रहा है तो एक समय ऐसा आएगा, जब सरकार को पछताना पड़ेगा। हमारे लिए देश सबसे बड़ा है। अगर देश और संविधान सुरक्षित है तो हम सुरक्षित हैं। अगर देश सुरक्षित नहीं है तो हम सुरक्षित नहीं होंगे। संविधान को बचाना, देश को एक रखना हमारा काम है। यही महात्मा गांधी जी, नेहरू जी और एकता के लिए जान देने वाले राजीव गांधी जी ने हमें सिखाया है।
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कांग्रेस का दावा है कि चुनाव आयोग बिहार में वोटर लिस्ट की जांच कर रहा है। लोगों से कागज दिखाने को कहा गया है, लेकिन इसमें आधार कार्ड और वोटर आईडी शामिल नहीं हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कांग्रेस ने लिखा, "इससे बिहार के करोड़ों मतदाताओं के ऊपर वोटर लिस्ट से बाहर हो जाने का खतरा मंडरा रहा है, जो सरासर अन्याय है। ये वोट का अधिकार छीन लेने की साजिश है, जो सरकार और चुनाव आयोग ने मिलकर रची है।
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इसी तरह अन्य विपक्षी दलों ने भी आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। याचिकाओं में कहा गया है, "चुनाव आयोग का यह फैसला मनमाना है और इसके चलते बिहार के लाखों मतदाताओं का मतदान का अधिकार छिन जाएगा।" सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में चुनाव आयोग के वोटर लिस्ट "विशेष गहन पुनरीक्षण" के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने पर सहमति जताई है। मामले पर 10 जुलाई को सुनवाई होगी।
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