दिल्ली विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां अपने चरम पर पहुंच चुकी हैं और अब सभी को 5 और 8 फरवरी का बेसब्री से इंतजार है। दिल्ली में तीन प्रमुख राजनीतिक दल, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और बीजेपी सत्ता में आने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए तीनों ही राजनीतिक दल अपने प्रतिद्वंद्वी दलों के उम्मीदवारों की खामियों को और अपनी खूबियों को जनता के सामने पेश कर रहे हैं।
दिल्ली में 15 साल तक राज करने वाली और पिछले दो चुनावों में दिल्ली में अपना खाता भी नहीं खोल पाने वाली कांग्रेस आगामी चुनावों में अपने पुराने दिन वापस लाने की कोशिश करती दिख रही है। इसके कांग्रेस ने अपनी रणनीति में काफी बदलाव किया है, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया है कि उन्हें मीडिया में लगातार सुर्खियां मिलती रहें।
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कांग्रेस की तरफ से जहां राहुल गांधी आम आदमी पार्टी और बीजेपी पर हमलावर हैं तो वहीं पार्टी के विभिन्न नेता दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर रहे हैं। चुनावी दौर में रोज लगभग दो प्रेस कांफ्रेंस की जा रही हैं। कांग्रेस ने पत्रकारों को संबोधित करने के लिए अभय दुबे के नेतृत्व में भारत के विभिन्न हिस्सों से संचार विभाग के सदस्यों को आमंत्रित किया है। हैदराबाद की आसमां तस्लीम भी इस टीम में शामिल हैं। दिल्ली कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए आसमां दिल्ली के कुछ इलाकों का दौरा भी कर रही हैं।
तीन भाइयों की इकलौती बहन आसमा तस्लीम कांग्रेस के लिए कुछ खास भूमिका में नजर आती हैं। उनका मानना है कि अकेली कांग्रेस पार्टी ही ऐसी पार्टी है जो सभी को एक साथ लाना चाहती है। उन्होंने कुछ मुस्लिम बहुल इलाकों का दौरा किया और उनके अनुसार, "बीजेपी और आप एक जैसे हैं और दोनों अल्पसंख्यक विरोधी हैं।" आसमां ने 'कौमी आवाज़' से बातचीत में कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के अल्पसंख्यकों के साथ अच्छा सुलूक नहीं कर रही है और उसका सुलूक भी सांप्रदायिक ही है।
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आसमा कोविड के दौरान तब्लीगी जमात वाले मामले का जिक्र करती हैं। वे कहती हैं कि उस दौरान केजरीवाल सरकार ने न सिर्फ मरकज़ को कोविड का हॉटस्पॉट घोषित किया बल्कि तब्लीगी जमात को कोविड महामारी फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया। वे कहती हैं कि सीएए-एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान भी केजरीवाल का रवैया सांप्रदायिक और पक्षपातपूर्ण रहा। आसमा ने कहा कि दिल्ली की जनता शीला दीक्षित को याद कर रही है, इसलिए उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस दिल्ली में अच्छा प्रदर्शन करेगी। अब देखना यह है कि दिल्ली के मतदाता किसे वोट देंगे।
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