छत्तीसगढ़ के दुर्ग में केरल की दो कैथोलिक ननों को मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के खिलाफ संसद परिसर के बाहर कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में एआईसीसी महासचिव (संगठन) और सांसद केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी समेत कई अन्य वरिष्ठ सांसद शमिल हुए।
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प्रियंका गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "कुछ ननों के साथ गलत व्यवहार किया गया, उन्हें उन आरोपों में फंसाया गया जो उन्होंने किए ही नहीं। उन्हें खींचकर, जबरदस्ती पुलिस द्वारा ले जाया गया। यह अल्पसंख्यकों पर सीधा हमला है। महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए। सरकार पर दबाव डालना ही हमारे पास एकमात्र रास्ता है।"
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वहीं, इस मुद्दे पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) का एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें ब्रिंदा करात, एनी राजा समेत अन्य नेता शामिल थे, छत्तीसगढ़ के दुर्ग सेंट्रल जेल पहुंचा और दोनों ननों से मुलाकात की।
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ब्रिंदा करात ने कहा, "जो दो नन वर्षों से गरीबों की सेवा कर रही थीं, उन्हें आज एक झूठे आरोप के आधार पर जेल भेजा गया है। एक आदिवासी युवक, जिसका कोई दोष नहीं था, उसे भी पीटकर जेल में डाल दिया गया है। बजरंग दल और आरएसएस के लोग पुलिस की मौजूदगी में उन लड़कियों और लड़के को पीटते रहे। यह सरकार के संरक्षण में हो रहा है। यह ईसाई समुदाय पर सुनियोजित हमला है।"
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उन्होंने आगे कहा, "प्रधानमंत्री मोदी विदेशों में सभी को गले लगाते हैं और कहते हैं ‘सबका साथ, सबका विकास’, लेकिन यहां उनकी विचारधारा से प्रेरित लोग ईसाई समुदाय को निशाना बना रहे हैं।"
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