
कांग्रेस के शीर्ष नेता पार्टी की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था कांग्रेस कार्यसमिति की महत्वपूर्ण बैठक में पहलगाम आतंकवादी हमले और आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने संबंधी सरकार के फैसले पर आज यानी शुक्रवार शाम को चर्चा करेंगे।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में देश के समक्ष मौजूद दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
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खबरों के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ ठोस कार्रवाई और राष्ट्रीय जनगणना अभियान के तहत जातिगत गणना जल्द कराने के लिए धनराशि आवंटित करने की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित कर सकती है।
जयराम रमेश ने कहा, "शुक्रवार को शाम चार बजे कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक होगी और हम इस पर चर्चा करेंगे। सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा पहलगाम हमला है और हम इस पर चर्चा करेंगे क्योंकि यह देश के सामने सबसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा है। देश (कार्रवाई का) इंतजार कर रहा है और जिन लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है वे न्याय मांग रहे हैं।"
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उन्होंने कहा कि बैठक में संविधान में संशोधन कर आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाए जाने की भी मांग की जा सकती है। सीडब्ल्यूसी द्वारा सरकार से निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण से संबंधित अनुच्छेद 15(5) को लागू करने का आग्रह किए जाने की भी संभावना है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक पार्टी के 24, अकबर रोड मुख्यालय में शाम चार बजे होगी। यह बैठक केंद्र द्वारा यह घोषणा किए जाने के दो दिन बाद हो रही है कि जाति गणना अगली जनगणना का हिस्सा होगी, जिसमें आजादी के बाद पहली बार जाति विवरण शामिल किया जाएगा।
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पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर 24 अप्रैल को भी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई थी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि 22 अप्रैल को हुए हमले के दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।
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राहुल गांधी ने कहा था कि वह सरकार द्वारा ‘‘11 साल तक विरोध’’ करने के बाद आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने के ‘‘अचानक’’ लिए गए फैसले का स्वागत करते हैं लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा था कि केंद्र को इसके कार्यान्वयन के लिए समयसीमा बतानी चाहिए।
जाति आधारित गणना संबंधी सरकार की घोषणा का श्रेय कांग्रेस द्वारा चलाए गए निरंतर अभियान को देते हुए गांधी ने कहा था कि अभी तो उन्हें यह संदेह है कि कार्यान्वयन के मामले में यह फैसला महिला आरक्षण विधेयक की राह पर जा सकता है। उन्होंने इसके लिए सरकार से एक विशिष्ट तारीख बताने की मांग की।
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि यह स्पष्ट है कि जातिगत गणना के लिए कांग्रेस ने सरकार पर जो दबाव बनाया था, वह काम कर गया है।
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