बिहार पर कोरोना वायरस ने तीखा हमला बोला है। राजधानी पटना स्थित एनएमएसीएच (नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) के 84 डॉक्टरों के कोरोना पॉजिटिवि पाए जाने के बाद हड़कम्प मच गया है। आशंका जताई जा रही है कि अब एक कोरोना चेन बन जाएगी क्योंकि संक्रमित पाए गए डॉक्टरों से इलाज कराने वाले मरीजों को भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है। साथ ही ये डॉक्टर अस्पताल के मेडिकल स्टाफ के सम्पर्क में भी थे, जिससे उनके भी संक्रमित होने की आशंकाएं प्रबल हो गई हैं।
इस मामले के सामने आने के साथ ही बिहार में रविवार को संक्रमण के कुल 352 नए केस सामने आए। सर्वाधिक केस राजधानी पटना में रिपोर्ट किए गए जहां कुल 142 नए मामले सामने आए हैं।
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रविवार को 352 नए मामलों के साथ ही बिहार में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 1000 पार कर गई है और इनकी कुल संख्या 1074 हो गई है। साथ ही रिकवरी रेट में गिरावट आई है जो गिरकर 98.19 फीसदी पर पहुंच गया है। राजधानी पटना के बाद गया में 110 नए मामले रिपोर्ट हुए हैं। बिहार में कोरोना की रफ्तार का यह हाल तब है जब जांच एक लाख से भी लोगों की हुई है। बीते 24 घंटों के दौरान बिहार में कुल 95,875 लोगों की ही जांच हो पाई है।
नए मामलों के देखते हुए बिहार में एक ही दिन में कोरोना के नए मामलों में 77 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। जानकारी के मुताबिक आईजीएमएस के 4, एम्स के 2, ईएसआईसी बिहटा की एक डॉक्टर पॉजिटिव पाई गई हैं।
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