कोरोना वायरस से पूरी दुनिया लड़ रही है। देश में लगातार कोरोना वायरस की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। अब तक कोरोनो वायरस की चपेट में आने से 32 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 1251 लोग इसकी चपेट में आए हैं। दूसरी ओर 21 दिन के लॉकडाउन का सबसे बुरा असर दूसरे शहर या राज्यों में जाकर उद्योगों और अन्य स्थानों पर मजदूरी करने वालों पर पड़ा है। लॉकडाउन के बाद सबकुछ बंद हैं और ऐसे में इनके सामने रहने खाने की विकट समस्या खड़ी हो गई है। कोई रास्ता नहीं दिखने पर ये मजूदर अपने घरों के लिए पैदल ही रवाना हो रहे हैं। साधन नहीं होने के कारण वे भूखे-प्यासे पैदल आ रहे हैं।
Published: undefined
नोएडा की एक निमार्णाधीन साइट पर 5 साल से काम कर रही एक गर्भवती महिला और उसका पति पैदल चलकर अपने गांव जाने के लिए निकले। जालौन जिले के राठ क्षेत्र में बसे अपने गांव औंता तक पहुंचने के लिए उन्होंने 200 किलोमीटर से अधिक की दूरी पैदल तय की। 8 महीने की गर्भवती 25 वर्षीय अंजू देवी दो दिनों और दो रातों में यह दूरी तय करके रविवार रात अपने गांव पहुंची। रथ नाम की जगह तक पहुंचने के बाद अंजू और उनके 28 वर्षीय पति अशोक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गए, जहां उनका मेडिकल चेकअप हुआ।
Published: undefined
डॉक्टरों ने उनकी थर्मल जांच की और दंपति को सामान्य बताया। हालांकि, उन्हें 14 दिनों के लिए अलग रहने का निर्देश दिया गया है। अशोक एक भूमिहीन किसान है और नोएडा में एक निर्माण स्थल पर काम करते हैं। वे ओराई तक 200 किमी तक चले और आखिरकार एक लोडर की मदद से रथ के पास पहुंचे। यात्रा के दौरान अंजू और उनके पति अपने परिवार के साथ लगातार संपर्क में थे।
Published: undefined
अशोक ने बताया, “हम पहले नोएडा से बाहर नहीं जा सकते थे क्योंकि हमारे ठेकेदार ने हमारे बकाया पैसे का भुगतान नहीं किया गया था। पैसे मिलने के बाद हमने 'रोटी' और 'सब्जी' अपने साथ रखी और निकल पड़े। बाद में कुछ लोगों ने रास्ते में हमें भोजन दिया। अब मुझे इस बात की राहत है कि हम अंतत: अपने घर वापस आ गए हैं।”
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined