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CPM 29 नवंबर से 1,000 किलोमीटर लंबी 'बांग्ला बचाओ यात्रा' शुरू करेगी, TMC और BJP के खिलाफ खोलेगी मोर्चा

सीपीएम का दावा है कि दोनों सरकारों ने अपने-अपने तरीके से पश्चिम बंगाल में आजीविका और लोकतांत्रिक संकट को बढ़ाया है। टीएमसी ने जहां लूट, धमकी और जबरन वसूली से प्रेरित शासन चलाया, वहीं केंद्र में बीजेपी ने जनविरोधी आर्थिक नीतियों को अपनाया है।

CPM 29 नवंबर से 1,000 किलोमीटर लंबी 'बांग्ला बचाओ यात्रा' शुरू करेगी, TMC और BJP के खिलाफ खोलेगी मोर्चा
CPM 29 नवंबर से 1,000 किलोमीटर लंबी 'बांग्ला बचाओ यात्रा' शुरू करेगी, TMC और BJP के खिलाफ खोलेगी मोर्चा फोटोः सोशल मीडिया

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) 29 नवंबर को 1,000 किलोमीटर लंबी 'बांग्ला बचाओ यात्रा' शुरू करेगी। पार्टी का दावा है कि यह यात्रा राज्यव्यापी होगी और इससे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के तहत 'अन्याय, लूट और व्यवस्थित लोकतांत्रिक क्षरण' का पर्दाफाश होगा। सीपीएम ने कहा कि साथ ही, यह यात्रा बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कथित ‘‘जनविरोधी नीतियों’’ का भी विरोध करेगी, जिनके कारण बंगाल में संकट गहरा गया है।

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पश्चिम बंगाल में कभी बहुत मजबूत रहे वामपंथी दल अब चुनावी प्रासंगिकता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सीपीएम को उम्मीद है कि यह अभियान उसके कार्यकर्ताओं में फिर से ऊर्जा भरेगा और वह फिर से मतदाताओं के साथ जुड़ेगी, जिससे 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले एक कठिन राजनीतिक दौर के लिए मंच तैयार होगा।

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29 नवंबर से 17 दिसंबर तक चलने वाली यह यात्रा उत्तर बंगाल के कूचबिहार जिले के तूफानगंज से शुरू होकर उत्तर 24 परगना जिले के कमरहाटी में समाप्त होगी। यह यात्रा 11 जिलों और आसपास के कई इलाकों से होते हुए 1,000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। पड़ोसी क्षेत्रों से कई उप-यात्राएं मुख्य कारवां में शामिल होंगी। सीपीएम ने कहा कि इस यात्रा मार्ग को ‘‘बंगाल के हर उस वर्ग से जुड़ने के लिए तैयार किया गया है जो कुशासन से पीड़ित है।’’

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पार्टी आयोजकों के अनुसार, यह आंदोलन ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा और स्कूली शिक्षा की गिरावट से लेकर किसानों, प्रवासी श्रमिकों, चाय बागान मजदूरों, बीड़ी मजदूरों की शिकायतों के एक व्यापक दायरे को रेखांकित करेगा। सीपीएम का दावा है कि दोनों सरकारों ने अपने-अपने तरीके से पश्चिम बंगाल में आजीविका और लोकतांत्रिक संकट को बढ़ाया है।

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उसका आरोप है कि तृणमूल ने जहां "लूट, धमकी और जबरन वसूली से प्रेरित शासन" चलाया है, वहीं केंद्र में बीजेपी ने "जनविरोधी आर्थिक नीतियों" को अपनाया है जिससे बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और ग्रामीण संकट गहरा गया है। सीपीएम के प्रदेश सचिव मोहम्मद सलीम ने सोमवार रात कोलकाता में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि "बांग्ला बचाओ यात्रा" का उद्देश्य एक सुधारात्मक आंदोलन है।

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