हालात

तेजी से बंगाल के करीब पहुंच रहा है चक्रवात सितरंग, सुंदरवन में तबाही का अंदेशा, बचाव के उपाय जारी

चक्रवात सितरंग के असर से राज्य के तटीय जिलों में 70-80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। जबकि इसके असर से हावड़ा, हुगली, नदिया और मुर्शिदाबाद के गंगा के इलाकों में भी हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है।

सांकेतिक फोटोः सोशल मीडिया
सांकेतिक फोटोः सोशल मीडिया 

बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवात सितरंग तेजी से पश्चिम बंगाल के करीब पहुंच रहा है। इसके असर से दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना जिले के तटीय क्षेत्र सुंदरवन में तबाही की आशंका है, जिसके चलते इस इलाके में प्रशासन की ओर से एहतेयाती उपाय शुरू कर दिए गए हैं। इससे पहले मई 2020 में चक्रवात अम्फान, फिर मई 2021 में चक्रवात यास और उसके पहले मई 2009 में आए चक्रवात आइला से सुंदरबन बुरी तरह प्रभावित हुआ था।

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कोलकाता स्थित आईएमडी कार्यालय के अनुसार, चक्रवात सितरंग इस समय सागर द्वीप सुंदरवन से 380 किलोमीटर दूर है। यह क्षेत्र गंगा नदी और बंगाल की खाड़ी के संगम का बिंदु है। चक्रवात के मंगलवार तड़के बांग्लादेश के तिनकोना द्वीप और सैंडविच के बीच पहुंचने की आशंका है। पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों जैसे दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर में सोमवार देर शाम से तेज हवा और भारी बारिश होने की संभावना है।

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राज्य के इन तटीय जिलों में हवा की गति 70-80 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच हो सकती है। इसके असर से हावड़ा, हुगली, नदिया और मुर्शिदाबाद के गंगा के इलाकों में भी हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है। हालांकि, मौसम विभाग के अनुसार, राज्य की राजधानी कोलकाता में प्रभाव नगण्य रहेगा, जहां चक्रवात के प्रभाव के तहत छिटपुट वर्षा हो सकती है। धीरे-धीरे हालात में सुधार होने की उम्मीद है।

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पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, चक्रवात यास और चक्रवात अम्फान के दौरान रातभर राज्य सचिवालय नबन्ना स्थित अपने कार्यालय में रही थीं और नियंत्रण कक्ष से पूरे हालात की खुद निगरानी करती रही थीं। हालांकि, इस बार वह वार्षिक काली पूजा अनुष्ठान के कारण दक्षिण कोलकाता के कालीघाट इलाके में स्थित अपने घर पर रहेंगी। अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य प्रशासन के साथ बातचीत करने और आवश्यक निर्देश जारी करने के अलावा अपने घर से स्थिति की निगरानी करेंगी।

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चक्रवार सितरंग को देखते हुए नबन्ना में एक एकीकृत नियंत्रण कक्ष पहले ही खोला जा चुका है, जिसे सचिव स्तर के छह आईएएस अधिकारी संचालित करेंगे। छह सबसे संवेदनशील जिलों की पहचान की गई है। इसके अलावा, जिलों के संबंधित जिला मजिस्ट्रेट, एक सचिव स्तर के अधिकारी मुख्यमंत्री के साथ समन्वय के लिए प्रत्येक जिले के प्रभारी होंगे।

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