
दिल्ली आतंकी हमले में शामिल डॉक्टर उमर मोहम्मद उर्फ उमर उन नबी और डॉक्टर मुजम्मिल की 'डायरी' से अहम खुलासे हुए हैं। जांच एजेंसियों के हाथ लगी इस डायरी से कई सवालों के जवाब मिलने की संभावना है।
सूत्रों के अनुसार, उमर और मुजम्मिल की डायरी से पता चला है कि यह आतंकवादी एक बड़ी और सुनियोजित योजना के तहत काफी समय से हमले की साजिश रच रहे थे। दोनों की ये 'डायरी' मंगलवार और बुधवार को आतंकी उमर के कमरा नंबर-4 और मुजम्मिल के कमरा नंबर-13 से बरामद की गईं, जहां पहले 360 किलोग्राम विस्फोटक मिला था। यह कमरा फरीदाबाद के धौज में अल फलाह विश्वविद्यालय से लगभग 300 मीटर दूर है।
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बरामद डायरियों में कोड वर्ड्स किया गया। इसमें विशेष तौर पर 8 से 12 नवंबर के बीच की तारीखों का जिक्र था, जो उस दौरान चल रही योजना का संकेत हैं। इन डायरी में लगभग 25 लोगों के नाम भी दर्ज हैं, जिनमें से ज्यादातर जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद के हैं। ये सभी लोग अब जांच के दायरे में हैं।
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सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान यह भी पता चला है कि 2021 में मुज्जमिल ने अपने तीन हैंडलर से उमर और उसके साथियों से मिलवाया था। इसके साथ ही, एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया था। फिर एक टेलीग्राम आईडी दी गई। उमर और बाकी लोग टेलीग्राम आईडी से जुड़े। जानकारी सामने आई है कि वसीम नाम के शख्स इसे ऑपरेट कर रहा था। उमर ने तीन से तीन महीने पहले एक सिग्नल ऐप पर ग्रुप बनाया था, जिसमें दो से चार लोग ही शामिल थे।
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एक और नया खुलासा यह हुआ है कि संदिग्ध आतंकी आई-20 कार और ईको स्पोर्ट्स के बाद ये जानकारी मिली कि ऐसे ही दो और पुरानी गाड़ी तैयार करने का प्लान कर रहे थे, जिसमें विस्फोटक रखकर और बड़ा टारगेट कर सकें।
गौरतलब है कि सुरक्षा एजेंसियों ने 10 नवंबर को आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड कर लगभग 2900 किलो विस्फोटक बरामद किया था। इसके साथ ही, 7 संदिग्ध आतंकियों को पकड़ा गया।
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