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दिल्ली बम ब्लास्ट: चांदनी चौक में टूरिस्ट गाइड और छोटे दुकानदारों का छलका दर्द, जानें क्या कहा?

इस धमाके ने न सिर्फ चांदनी चौक के बारे में लोगों की धारणा बदल दी है, बल्कि लोगों के जीवन को भी परिवर्तित कर दिया है और दिहाड़ी पर रोजगार करने वालों को आय का दूसरा ज़रिया चुनने पर मजबूर कर दिया है।

फोटो: Getty Images
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 सोमवार रात लाल किले के पास हुए विस्फोट के बाद चांदनी चौक के आसपास के क्षेत्र में वैसा उत्साह वाला माहौल नहीं दिखाई देता जो सामान्यत: यहां रहता है और विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करता है।

कई टूरिस्ट गाइड का कहना है कि उनके पास आने वाले पर्यटकों की संख्या आधी रह गई है। अधिकतर पर्यटक लाल किले की विरासत के बारे में जानने के बजाय इस घातक विस्फोट के बारे में जानने को ज्यादा उत्सुक दिखते हैं।

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खानपान के खोमचे लगाने वाले और सजावटी सामान बेचने वाले कुछ विक्रेता अपना सामान नष्ट हो जाने के बाद आजीविका के अन्य साधन अपना रहे हैं।

शुक्रवार दोपहर, विदेशी पर्यटकों का एक छोटा समूह अवरोधकों के पास खड़ा था और तब 25 वर्षीय गाइड इकबाल को उनसे घटना के बारे में बात करते सुना गया।

उसने बताया, ‘‘मैं हर दिन कम से कम 10 परिवारों या पर्यटकों को घुमाने ले जाता था। अब दिल्ली आने वाले लोग लाल किला नहीं आ रहे हैं। और जो आते भी हैं, वे विस्फोट के बारे में जानना चाहते हैं। मैं उन्हें बैरिकेड तक ले जाता हूं और बताता हूं कि क्या हुआ था। पिछले दो दिनों से, हर कोई मुझसे यही पूछ रहा है।’’

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लगभग 10 वर्षों से इस क्षेत्र में गाइड के रूप में काम कर रहे सोहेल ने कहा, ‘चांदनी चौक दिल्ली के पर्यटन का केंद्र है। एक तरफ ऐतिहासिक बाजार है और दूसरी तरफ लाल किला है। सबसे पहले हम पर्यटकों को लाल किले के द्वार पर लाते हैं ताकि वे इसे देख सकें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब, मुगल बादशाह शाहजहां और उनके वंश के बारे में बात करने के बजाय, हम विस्फोट और पुलिस को अब तक जो कुछ मिला है, उसके बारे में बता रहे हैं।’’

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सोहेल ने उस भयावह रात को याद करते हुए कहा, ‘‘मैं घर जाने से पहले दोस्तों के साथ चाय पी रहा था। अचानक इतना जोरदार धमाका हुआ कि कुछ देर तक हमें कुछ सुनाई नहीं दिया। मेरे कान सुन्न हो गए और हम भाग गए।’’

इस धमाके ने न सिर्फ चांदनी चौक के बारे में लोगों की धारणा बदल दी है, बल्कि लोगों के जीवन को भी परिवर्तित कर दिया है और दिहाड़ी पर रोजगार करने वालों को आय का दूसरा ज़रिया चुनने पर मजबूर कर दिया है।

घटनास्थल से कुछ मीटर की दूरी पर खिलौने बेचने वाले 50 वर्षीय देवेंद्र ने कहा कि उन्हें लगा कि कोई ट्रांसफ़ॉर्मर फट गया है।

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उन्होंने कहा, ‘‘विस्फोट इतना तेज था कि उसका असर मेरी दुकान तक पहुंच गया और मेरा बहुत सारा सामान नष्ट हो गया। लोग इधर-उधर भागे और अफ़रा-तफ़री में मेरे स्टॉल का बहुत सारा सामान इधर-उधर बिखर गया।’’

पास की एक गली में रहने वाले स्थानीय निवासी और इलाके के ऐतिहासिक शीशगंज गुरुद्वारे में नियमित रूप से मत्था टेकने के लिए आने वाले जोगिंदर ने बताया कि धमाका पूरे मोहल्ले में महसूस किया गया।

सोमवार शाम लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक धीमी गति से चल रही कार में एक तेज़ विस्फोट हुआ, जिससे कई वाहन जलकर खाक हो गए और कई घायल हो गए। गंभीर रूप से घायल हुए कई लोगों की बाद में मौत हो गई, जिससे मृतकों की संख्या 13 हो गई।

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