
दिल्ली में शुक्रवार की सुबह भी गंभीर वायु प्रदूषण के साथ शुरू हुई। जो पिछले करीब 15 दिनों से लगातार जारी है। राजधानी की हवा का औसत AQI आज 400 से ज्यादा दर्ज किया गया। यह स्तर सीधे ‘हैजर्डस’ यानी स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक श्रेणी में आता है। राजधानी में यह स्थिति अब सिर्फ प्रदूषण नहीं, बल्कि स्वास्थ्य आपातकाल जैसी बन चुकी है।
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ITO- 395 AQI
इंडिया गेट- 340 AQI
अक्षरधाम- 408 AQI
दिल्ली एम्स- 401
आनंद विवाहर- 408
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जहरीली हवा से सबसे पहले और सबसे तेज असर पड़ रहा है-
बुजुर्गों पर
बच्चों पर
अस्थमा और सांस संबंधी मरीजों पर
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे AQI में लगातार सांस लेना फेफड़ों की ताकत कम कर सकता है।
इस हवा में लंबे समय तक रहने पर-
सांस की बीमारियां बढ़ सकती हैं,
हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि संभव,
और समय से पहले मौत भी हो सकती है।
ऐसे में डॉक्टरों ने फिलहाल लोगों को घर में रहने, और अगर बाहर जाना जरूरी हो तो N95 मास्क पहनने की सलाह दी है। घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग भी जरूरी बताया गया है।
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के दिल्ली में मौजूद 39 स्टेशनों में से कई जगह हालात औसत से भी बदतर हैं। कुछ क्षेत्रों में हवा इतनी खराब है कि AQI 500 के आसपास या उससे ऊपर पहुंच रहा है। यह स्तर सामान्य व्यक्ति की सांस तक पर असर डाल सकता है।
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CPCB के अनुसार, दिल्ली में अगले कुछ दिनों तक AQI 300-500 की रेंज में बना रह सकता है।
इसे खराब बनाए रखने वाली मुख्य वजहें हैं-
हवा की बहुत धीमी गति
बारिश का न होना
नमी और ठंड से प्रदूषक जमीन के पास ही फंसे रहना
मौसम विभाग ने भी साफ संकेत दिया है कि 15 दिसंबर तक बारिश की कोई संभावना नहीं है। यानी हवा में घुले इस जहर से जल्द राहत मिलना मुश्किल है।
हर साल दोहराती समस्या अब वक्त आया है स्थायी समाधान खोजने का यह भी सच है कि दिल्ली की यह स्थिति हर साल सर्दियों में सामने आती है।
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पर्यावरण विशेषज्ञों ने इस साल एक बार फिर वही चिंता जाहिर की है कि तात्कालिक उपाय अब पर्याप्त नहीं हैं।
जब तक स्थायी समाधान-
प्रदूषण के स्रोतों पर नियंत्रण,
उद्योग और वाहनों के उत्सर्जन में कटौती,
पराली प्रबंधन,
और शहरी नियोजन-
जैसे गंभीर कदम नहीं उठाए जाते,
दिल्ली में हवा के इस संकट से पार पाना मुश्किल है।
लोगों का कहना है कि इतनी लंबी अवधि का प्रदूषण, और उस पर लगातार खराब AQI, अब सामान्य जीवन को ठप करने लगा है।
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