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दिल्ली सरकार एलजी के घर में 18 घंटे से धरने पर, ट्वीट पर दोहराई मांगें, सत्येंद्र जैन ने शुरु किया बेमियादी अनशन

दिल्ली सरकार सोमवार शाम से उप राज्यपाल के घर में धरने पर बैठी है। इसमें सीएम, डिप्टी सीएम और दो मंत्री शामिल हैं। इनकी मांग है कि मुख्य सचिव मामले के बाद हड़ताल पर गए आईएएस अफसर काम पर लौटें। लेकिन उपराज्यपाल ने साफ कर दिया है कि  कोई अफसर हड़ताल पर नहीं है।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कल शाम से अपने मंत्रियों के साथ उप राज्यपाल अनिल बैजल के घर पर धरना दे रहे हैं। यूं तो केजरीवाल के लिए धरना, भूख हड़ताल कोई नई बात नहीं है, क्योंकि दिल्ली वालों ने उनको रेल भवन के बाहर विरोध में रात गुजारते देखा है।

सोमवार शाम करीब 5.30 बजे केजरीवाल, उनके उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पी डब्ल्यू डी मंत्री सत्येंद्र जैन और श्रम मंत्री गोपाल राय ने उप राज्यपाल के साथ एक छोटी सी मुलाकात की थी। लेकिन मुलाकात के बाद यह चारों लोग एलजी के आगंतुक कक्ष में बैठ गए। इन चारों ने रात भी वहीं गुजारी और अभी भी वहीं जमे हुए हैं। सुबह का नाश्ता और खाना इन लोगों के लिए इनके घरों से आ रहा है, वहीं उपराज्यपाल निवास में भी इनकी आवभगत हो रही है। सूत्रों का कहना है कि फिलहाल उपराज्यपाल इनसे नहीं मिलने वाले हैं।

इस बीच केजरीवाल और दूसरे मंत्रियों ने वीडियो संदेश जारी कर अपनी मांगे दोहराई हैं और बताया है कि वे आखिर क्यों धरने पर हैं।

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वहीं सत्येंद्र जैन ने अपने वीडियो संदेश में कहा है कि उप राज्यपाल और अफसरों के अड़ियल रवैये की वजह से दिल्ली के बहुत सारे काम रुके हुए हैं।

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इस बीच पी डब्ल्यू डी मंत्री सत्येंद्र जैन ने अनिश्चिकालीन अनशन शुरु कर दिया है। इसकी सूचना अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दोनों ने ट्वीट के जरिए दी।

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केजरीवाल और उनके मंत्रियों की मांग है कि उपराज्यपाल, दिल्ली के हड़ताली आईएएस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करें और दिल्ली में राशन की डोर डिलिवरी की योजना को मंजूरी दें।

केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल कार्यालय हड़ताली अफसरों की तरफदारी कर रहा है और चुनी हुई सरकार के खिलाफ बगावत को हवा दे रहा है। गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ इसी साल फरवरी में कथित तौर पर आम आदमी पार्टी नेताओं की बदसुलूकी के बाद से सरकारी अफसर हड़ताल पर हैं।

सोमवार को दिल्ली के सीएम के धरने की सूचना मिलने के बाद आधा दर्जन से ज्यादा आईपीएस अधिकारी, एक दर्जन से ज्यादा इंस्पेक्टर समेत करीब डेढ़ सौ पुलिसकर्मी राजनिवास के बाहर सुरक्षा के लिए मौजूद थे। सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग कर दी गई। राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी केजरीवाल से मिलने जाने से रोक दिया गया। उन्होंने इसकी शिकायत राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखकर की है।

संजय सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर आरोप लगाया कि उप राज्यपाल तो सिर्फ मोहरा है, दरअसल असली मास्टरमाइंड पीएम नरेंद्र मोदी हैं।

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सोमवार की बैठक के बाद राज निवास से जारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल को धमकी दी है कि वे अफसरों को तलब करें और हड़ताल खत्म करने का निर्देश दें। उप राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि अफसर हड़ताल पर नहीं हैं, और वह अफसरों से बात करते रहते हैं।

इस सबके बीच दिल्ली के अफसर भय और अविश्वास के माहौल में काम कर रहे हैं और अभी तक इस मसले का कोई हल नहीं निकला है। उधर आईएएस अफसरों की एसोसिएशन का कहना है कि वे लगातार काम कर रहे हैं, उन्होंने दिल्ली का बजट तैयार करने में मदद की और हर सप्ताह में अपने काम की रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री के पेश कर रहे हैं।

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