दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस ने आज ‘साझी विरासत बचाओ सम्मेलन’ किया। शरद यादव की अध्यक्षता में हुए इस सम्मेलन में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, सीपीएम के सीताराम येचुरी समेत कई दलों के नेता शामिल हुए। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस ने 17 विपक्षी पार्टियों को निमंत्रण भेजा था।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ‘साझी विरासत बचाओ’ सम्मेलन को संबोधित करते वक्त माइक बंद होने पर कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह जी ने माइक ऑफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दल के नेताओं की विचारधाराएं अलग हैं, लेकिन हम सब एक साथ खड़े हैं।
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उन्होंने आगे कहा कि देश में दो अलग विजन हैं। देश के बारे में सोचने के दो तरीके हैं। एक तरीका, जो बीजेपी अध्यक्ष ने अपने भाषण में बोला कि हिंदुस्तान सोने की चिड़िया है। और दूसरा विपक्ष का विजन है।
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उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा कि हम देश को गंगा की तरह या किसी नदी की तरह देखते हैं और अमित शाह जी देश को चिड़िया की तरह देखते हैं। 70-80 साल पहले अंग्रेज भी देश को सोने की चिड़िया की तरह देखते थे।
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उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि हिंदुस्तान में बीजेपी की भी विचारधारा है और हम उनको खत्म करना या मारना या नष्ट करना नहीं चाहते है।
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राहुल गांधी ने राफेल मुद्दे को लेकर बीजेपी और पीएम मोदी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि एचएएल से कांट्रैक्ट छीनकर पीएम मोदी ने अपने मित्र को दिया, जिस पर पहले से 45000 करोड़ रुपये का कर्जा है और कांट्रैक्ट मिलने के 10 दिन पहले कंपनी बनती है। उन्होंने आगे रक्षा मंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि रक्षा मंत्री कहती हैं सीक्रेट पैक्ट है इसलिये दाम बता नहीं सकते है।
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उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री पूरे हिंदुस्तान को कहते हैं कि नरेन्द्र मोदी के आने से पहले सब लोग सो रहे थे, आपने कुछ नहीं किया।
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उन्होंने आगे कहा कि चाहे वो 2019 हो या आम चुनाव, अंत में आप देखना हम सब मिलकर बीजेपी को राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और फिर हिंदुस्तान से हटा देंगे। हम बीजेपी मुक्त हिंदुस्तान करना नहीं चाहते। लेकिन हम उनको बताना चाहते हैं कि हमारी विचारधारा बहुत मजबूत है और उनकी विचारधारा को हरा देगी।
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इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू, जनता दल सेक्युलर के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, द्रविड़ मुनेत्र कड़घम के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन आदि को निमंत्रण भेजे गए थे। उनमें से कई या तो खुद मौजूद थे या उन्होंने अपने प्रतिनिधियों के जरिये सम्मेलन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
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