उत्तरी दिल्ली जिले के कश्मीरी गेट थाना क्षेत्र में स्थित तीन शेल्टर होम्स आग में झोंक दिये गये। शेल्टर होम में रह रहे नाराज लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। उसके बाद तीनों शेल्टर होम्स में आग लगा दी। बमुश्किल और घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। हमलावर भीड़ ने पुलिस की कुछ वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया है। बताया जाता है कि एक पुलिस जिप्सी जला दी गयी। शनिवार देर रात खबर लिखे जाने तक इलाके के तमाम आला अफसर मौके पर ही मौजूद थे। एसएचओ कश्मीरी गेट ने आईएएनएस से घटना की पुष्टि की है।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, "झगड़े की शुरुआत कल से ही हो रही थी। झगड़े के पीछे दो अलग अलग वजह निकल कर आई हैं। पहली वजह के मुताबिक, 3 शेल्टर होम्स में 250 से ज्यादा गरीबों को ठूंस कर भर दिया गया है। जबकि सोशल डिस्टेंसिंग लागू करवाने वाली पुलिस और बाकी तमाम एजेंसियां हर किसी को एक दूसरे से एक मीटर की दूरी पर रहने को कह रही हैं।"
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इन तीनों ही शेल्टर होम्स में रहने वाले अधिकांश लोग अक्सर सड़क किनारे फुटपाथ पर रहने वाले हैं। कोरोना महामारी के बाद से इन सबको इकट्ठा करके हनुमान मंदिर के सामने (निगम बोध घाट श्मशान घाट के बराबर में) बनाये गये तीन शेल्टर होम्स में इकट्ठा करके रख दिया गया है। जगह कम होने के चलते भी अक्सर यहां रहने वाले लोगों में कहासुनी होती रहती है। अक्सर झगड़ा तब ज्यादा बढ़ जाता था जब, यहां रह रहे गरीबों को खाना परोसा जाता था।
कश्मीरी गेट थाना पुलिस सूत्रों के मुताबिक, "शुक्रवार शाम के वक्त भी यहां सेवा करने वालों और रहने वालों के बीच झगड़ा हुआ था। उस वक्त पुलिस ने पहुंचकर बीच-बचाव कर दिया था। कल यानी शुक्रवार को हुए झगड़े में पुलिस से बचने के लिए तीन-चार लोग यमुना नदी में कूद गये थे। कुछ देर बाद उन चार में से तीन लोग बाहर निकल आये, मगर चौथा शख्स नहीं मिला।"
पुलिस के मुताबिक, "शनिवार दोपहर बाद पुलिस ने यमुना में गायब शख्स का शव खोज लिया। पहचान के लिए पुलिस शव को यमुना से निकाल कर शेल्टर होम ले गयी। उसी वक्त शुक्रवार से ही पुलिस और यहां के सेवादारों के व्यवहार से खफा बैठे आश्रितों का गुस्सा फूट पड़ा। साथी के शव को पुलिस से भीड़ ने छीन लिया। पुलिस पर पथराव कर दिया। जब तक अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचता तब तक हमलावर पथराव के साथ साथ आगजनी भी कर चुके थे।"
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अस्थाई शेल्टर होम्स आग के हवाले हुए देख पुलिस और मौके पर मौजूद सिविल डिफेंस के लोग भी भाग खड़े हुए। हालांकि भागते हुए लोगों पर भी गुस्साई भीड़ ने पथराव जारी रखा। बाद में अतिरिक्त पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर हालात काबू किए। कई लोग हिरासत में ले लिए गए हैं। इस बाबत पुलिस ने कश्मीरी गेट थाने में हिंसा आगजनी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का केस दर्ज कर लिया है।
शनिवार देर रात खबर लिखे जाने तक इस बारे में दिल्ली पुलिस प्रवक्ता और एडिश्नल पुलिस कमिश्नर (अपराध) मंदीप सिंह रंधावा की ओर से भी कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया गया है।
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