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नोटबंदी के 2 साल: कांग्रेस ने मोदी सरकार से पूछे कई सवाल, आरबीआई पर प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए वरिष्ठ नेता

दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी के दो साल पूरा होने पर मोदी सरकार के खिलाफ आरबीआई के बाहर प्रदर्शन किया। इससे पहले कांग्रेस ने कहा कि नोटबंदी की तबाही के बाद हम पीएम मोदी से कुछ सवाल पूछना चाहते हैं।

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, वरिष्ठ नेता हिरासत में लिए गए  

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी के दो साल पूरा होने के मौके पर आज मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में भारतीय रिजर्व बैंक के बाहर प्रदर्शन किया। आरबीआई दफ्तर की तरफ बढ़ रहे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया और संसद मार्ग थाने ले गई। हिरासत में लिए जाने को मोदी सरकार का ‘तानशाही’ वाला कदम करार देते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि नोटबंदी से देश के गरीबों और छोटे कारोबारियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।

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इस मौके पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, “नोटबंदी को आर्थिक क्रांति का नया सूत्र बनाते हुए तीन कारण दिए गए थे सारा काला धन पकड़ा जाएगा, फर्जी नोट पकड़े जाएंगे, आतंकवाद और नक्सलवाद खत्म हो जाएगा। लेकिन आरबीआई की रिपोर्ट कहती है कि 99 फीसदी नोट जमा हो गए।’’

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इससे पहले नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर कांग्रेस ने मोदी सरकार से कुछ सवाल पूछे हैं। कांग्रेस ने कहा कि नोटबंदी की तबाही के बाद हम पीएम मोदी से कुछ सवाल पूछना चाहते हैं।

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1. बीजेपी के अलावा, जिसकी आय 80 फीसदी बढ़ गई। इसके अलावा नोटबंदी से किसको फायदा हुआ?

2. कालेधन के नाम पर नोटंबीद लागू किया गया, 99.3 फीसदी पुराने नोट आरबीआई के पास लौट आए, कालाधन कहां है?

3. मोदी सरकार के गैरजिम्मेदार फैसले से लाखों परिवारों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई खो दी। इन परिवारों से आप क्या कहेंगे?

4. नोटबंदी की तबाही से उबरने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी संघर्ष कर रही है, आप आरबीआई की स्वायत्तता को कम करने पर जोर क्यों दे रहे हैं?

5. भ्रष्टाचार खत्म करने से लेकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ने तक, टैक्स व्यवस्था में ज्यादा से ज्यादा शामिल करने से लेकर कैशलेस अर्थव्यवस्था बनाने तक, सारे उदेश्य असफल रहे। नोटबंदी का असली मकसद क्या था?

6. करीब 100 लोगों की जान चली गई, जीडीपी 1.5 फीसदी गिर गई, करीब 3.5 मिलियन लोगों ने नौकरियां खो दीं और असंगठित क्षेत्र बर्बाद हो गया। पीएम मोदी भारत के लोगों से इस पर माफी मांगने की हिम्मत कब जुटाएंगे?

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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी जिसके तहत, उन दिनों चल रहे 500 रुपये और एक हजार रुपये के नोट तत्काल प्रभाव से चलन से बाहर हो गए थे। नोटबंदी की वजह से 100 से ज्यादा लोगों की भी मौत हुई थी।

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