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क्या अमीरों को पहले से थी लॉकडाउन की खबर, ऐलान से पहले प्राइवेट जेट्स से बच्चों को विदेश से ले आए

मार्च में तेजी से बढ़े कोरोना वायरस के खौफ के बीच देश का एक तबका ऐसा भी है जिसे सरकार के आगामी फैसलों के बारे में या तो पता था, या फिर भनक थी। क्योंकि विदेशों से विमान सेवा पर रोक से पहले तक बड़ी संख्या में निजी जेट्स से कुछ लोग देश लौटने में कामयाब रहे।

फोटोः सांकेतिक
फोटोः सांकेतिक 

पूरी दुनिया में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस को भारत में फैलने से रोकने के लिए मोदी सरकार ने देश भर में लॉकडाउन कर दिया है। इसके तहत देश के अंदर सड़क, रेल, हवाई आवागमन समेत विदेशों से आने-जाने वाली सभी उड़ानें भी बंद हैं। देश भर में लाखों लोग यहां-वहां फंसे हुए हैं। अचानक हुए देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से लाखों को लोग देश में इधर-उधर फंसे हैं और अपने घर लौटने का उन्हें कोई रास्ता नहीं दिख रहा। हजारों गरीब-मजदूर लोग तो साधन के अभाव में सिर पर सारा सामान लादकर पैदल ही घरों के लिए निकल पड़े हैं।

लेकिन इस देश में ही कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें विमान सेवाओं पर रोक और पीएम मोदी द्वारा देशव्यापी लॉकडाउन के ऐलान की या तो पक्की खबर थी, या फिर उन्हें भनक लग गई थी। दरअसल घरेलू-विदेशी सभी उड़ानों पर रोक से ठीक पहले तक देश के सुपर रिच लोगों में शामिल कई धनाढ्यों ने विदेशों में पढ़ रहे अपने बच्चों को लाखों रुपये खर्च कर प्राइवेट जेट्स से सुरक्षित देश वापस बुला लिया। इसके लिए करोड़ रुपये तक खर्च किए गए।

उदाहरण के तौर पर लॉकडाउन के ऐलान से कुछ ही दिन पहले 16 मार्च को मुंबई एयरपोर्ट पर एक निजी जेट विमान से दो लड़कियां उतरीं, जो मुंबई के नामी कारोबारी घरानों से संबंध रखती हैं। दोनों लंदन से भारत लौटी थीं, जहां की अलग-अलग यूनिवर्सिटी में वे पढ़ती हैं। खबरों के मुताबिक उन्हें देश वापस लाने का सारा इंतजाम उनके उनके अभिभावकों ने किया। पहले उन्हें लंदन एयरपोर्ट लाया गया और फिर वहां से प्राइवेट जेट फ्लाइट से मुंबई पहुंची। इस पर कुल खर्च करीब 90 लाख रुपये हुआ, जो अभिभावकों ने किया।

दरअसल से दोनों लड़कियां उन कुछ अमीर लोगों के बच्चों में शामिल हैं, जिन्हें ने भारतीय एयरस्पेस के लॉकडाउन होने से ठीक पहले लग्जरी प्राइवेट जेट्स के जरिये सही सलामत विदेशों से अपने घरों पर लाया गया। दरअसल बड़े पैमाने पर भारत के अमीरों के बच्चे विदेशों में पढ़ाई करते हैं। खबरों के मुताबिक विमान सेवा पर रोक से पहले बड़े पैमाने पर इन बच्चों को घर वापस लाने का इंतजाम किया गया।

भारत सरकार ने 21 मार्च को विदेश से आने वाली सभी कॉमर्शियल उड़ानों पर रोक लगा दी। लेकिन इससे पहले तक करीब दो हफ्तों के वक्त में ब्रिटेन और यूरोप यानि फ्रांस, जर्मनी, स्विटजरलैंड आदि देशों से कम से कम 102 निजी चार्टर्ड विमानों ने भारत की धरती पर लैंड किया। इससे पहले इतनी छोटी अवधि में कभी इतनी बड़ी संख्या में विदेशों से प्राइवेट जेट विमान भारत नहीं आए। खास बात ये है कि इन सभी फ्लाइटस का इंतेजाम एक ही एविएशन कंपनी ने किया।

इतना ही नहीं, इसी अवधि के दौरान देश के अंदर दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों से भी करीब 31 बिजनेस जेट फ्लाइट से कई बुजुर्गों को एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाया गया। खबरों के मुताबिक इनमें से ज्यादातर बुजुर्ग देश के बड़े कारोबारियों के माता-पिता थे। इन सब यात्रा का इंतजाम करने वाली कंपनी का नाम है जेटसेटगो एविएशन एग्रीगेटर। कंपनी की संस्थापक कनिका टेकरीवाल ने कहा है कि इन उड़ानों अधिकतर में केवल एक से तीन लोग ही सवार थे, जिनमें अधिकतर बुजुर्ग थे।

ऐसे में साफ है कि लॉकडाउन के ऐलान से पहले भारत के धनाड्य लोगों को इसकी भनक लग गई थी या फिर उन्हें पक्का जानकारी थी कि किस तारीख से लॉकडाउन होने जा रहा है। ऐसे में दुनिया भर में कहर बरपा रहे और हजारों की जान ले चुके कोरोना वायरस से निपटने को लेकर मोदी सरकार की नीति और नीयत दोनों पर सवाल उठने लाजिमी हैं। बता दें कि अभी 14 अप्रैल तक भारत में इंटरनेशनल और डोमेस्टिक फ्लाइट्स की उड़ान पर रोक है। उसके बाद ही आगे फैसला होगा।

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