हालात

देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती आज, लेकिन मोदी सरकार 2034 से पहले कुछ नहीं करेगी

2009 में बिहार में नीतीश कुमार की ही सरकार थी। तब डाॅ. राजेंद्र प्रसाद की 125वीं जयंती पर बिहार सरकार ने समाधि स्थल पर समारोह कर उन्हें न केवल याद किया बल्कि उनकी स्मृतियों को सहेजने और आमजन के बीच ले जाने की बातें भी कहीं। लेकिन, जब-जब कुछ करने की बारी आई तो हुआ कुछ नहीं।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की आज जयंती है। डाॅ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म जीरादेई (बिहार) में 3 दिसंबर 1884 को हुआ था। उनके पिता का नाम महादेव सहाय और माता का नाम कमलेश्वरी देवी था। राजेंद्र बाबू बचपन से ही पढ़ाई में तेज थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा छपरा के जिला स्कूल से हुई थी। मात्र 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा प्रथम स्थान से पास की और फिर कोलकाता के प्रसिद्ध प्रेसीडेंसी कॉलेज में दाखिला लेकर लॉ के क्षेत्र में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की। लॉ करने के बाद वह एक बड़े वकील के रूप में प्रैक्टिस करते रहे। वो भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे।

Published: undefined

लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार इतिहास की सभी परतें मिटाने की कोशिश में लगी है। यह बात सार्वजनिक है कि उसे पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाम से चिढ़ है, यह भी ध्यान में रखने की जरूरत है कि वह पहले राष्ट्रपति डाॅ. राजेंद्र प्रसाद को भी उसी श्रेणी में रख रही है।

Published: undefined

पटना की कुछ संस्थाएं डाॅ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती- 3 दिसंबर, को राष्ट्रीय दिवस घोषित करने और डॉ. प्रसाद से जुड़ी स्मृतियों को लोगों के बीच ले जाने की मांग कर रही हैं। उनका समर्थन करते हुए एक पत्र डॉ. राजेंद्र प्रसाद की पोती डॉ. तारा सिन्हा ने केंद्र सरकार को लिखा। संस्कृति मंत्रालय के विशेष प्रकोष्ठ ने जवाब दिया कि राजेंद्र बाबू की 150वीं जयंती 2034 में है। उस समय कुछ किया जाएगा, फिलहाल जयंती को लेकर केंद्र सरकार की कोई योजना नहीं है। इस चिट्ठी से हतप्रभ डॉ. तारा सिन्हा कहती हैं: “केंद्र सरकार ने देशरत्न का अपमान किया है। जिस शख्स की उत्तरपुस्तिका पर परीक्षक यह लिखने को विवश हुए हों कि एग्जामनी इज बेटर दैन एग्जामिनर और जिसे इस देश ने पहला राष्ट्रपति बनाया हो, उनका यह अपमान है। यह अपमान बिहार का भी है और बिहारी प्रतिभाओं का भी। यह व्यवहार अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

Published: undefined

लेकिन ऐसा नहीं है कि यह रवैया सिर्फ नरेंद्र मोदी सरकार का है। नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी का अनुसरण करते ही दिख रहे हैं। ध्यान रहे की, राष्ट्रपति पद से सेवानिवृति के बाद डॉ. राजेंद्र प्रसाद बिहार आ गए थे। आजादी से पहले बिहार विद्यापीठ में 1921 से 1946 तक उनका स्थायी निवास रहा था। लौटकर आए भी तो इसी आसपास में जिंदगी गुजार दी। निधन हुआ तो पटना में बांस घाट पर अंत्येष्टि की गई। वर्षों बात चलती रही, फिर बाद में बांसघाट (एक समय पटना का इकलौता श्मशान) के ही एक हिस्से में उनकी समाधि बनाई गई। समाधि बनी भी तो जैसे-तैसे रही। कोई सुरक्षा नहीं। देशरत्न की समाधि पर कपड़े सुखाने और श्मशान के आवारा जानवरों की आवाजाही की तस्वीरें कई बार छपती-छपाती रहीं।

Published: undefined

2009 में बिहार में नीतीश कुमार की ही सरकार थी। तब डाॅ. राजेंद्र प्रसाद की 125वीं जयंती पर बिहार सरकार ने समाधि स्थल पर समारोह कर उन्हें न केवल याद किया बल्कि उनकी स्मृतियों को सहेजने और आमजन के बीच ले जाने की बातें भी कहीं। लेकिन, जब-जब कुछ करने की बारी आई तो हुआ कुछ नहीं। देशरत्न की समाधि को अब भी सद्गति प्राप्त नहीं हो रही और न ही बिहार विद्यापीठ में रखीं उनकी स्मृतियों पर किसी का ध्यान है।

वैसे, गैरसरकारी प्रयास से एक उम्मीद जगी है। समाजसेवी रविनंदन सहाय के अनुसार, हम 3 दिसंबर को राष्ट्रीय मेधा दिवस के रूप में मनाने की तैयारी कर रहे हैं। यह कार्यक्रम दोनों ही सरकार को जगाए, यही उम्मीद है।

Published: undefined

मोदी के नक्शेकदम पर

नीतीश कुमार केंद्र सरकार की कुछ नीतियों पर भले ही कई बार भौंहें टेढ़ी कर लेते हैं लेकिन करते वही हैं जैसा मोदी करते हैं। 14 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश राजधानी पटना में जंक्शन के सामने स्थित पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की इकलौती प्रतिमा पर माल्यार्पण के लिए पहुंचे। सम्मान की औपचारिकता तो की गई लेकिन इस एकमात्र प्रतिमा के नए रंगरोगन से झांकती दुर्गति पर ध्यान नहीं दिया। प्रतिमा के सिर का हिस्सा कई जगह से क्षतिग्रस्त है। कभी यहां गोलंबर और उद्यान की स्थिति थी लेकिन नए प्रोजेक्ट के तहत फ्लाईओवर बनने से प्रतिमा किसी तरह खड़ी है। उसपर यह दुर्गति। भवन निर्माण विभाग के पास इसकी देखरेख का जिम्मा है लेकिन वह जयंती-पुण्यतिथि पर कार्यक्रम के एक दिन पहले रंगरोगन से ज्यादा कुछ नही करता।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • बड़ी खबर LIVE: राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं के नाम लिखा पत्र, कहा- पूरी ताकत से जुट जाएं, मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे

  • ,
  • वोटिंग आंकड़ा बढ़ने पर TMC ने फिर चुनाव आयोग को घेरा, क्षेत्र-वार मतदान प्रतिशत तत्काल मुहैया कराने की मांग की

  • ,
  • पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप : कोलकाता पुलिस शिकायत की सामग्री की कर रही जांच

  • ,
  • अर्थजगतः मस्क ने बफेट को टेस्ला में निवेश का दिया न्यौता और ट्विटर के संस्थापक डोर्सी ने छोड़ा ब्लूस्काई बोर्ड

  • ,
  • 'मिलकर लड़ेंगे, जीतेंगे और देश के हालात बदल देंगे', राहुल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लिखा पत्र