हिंदुस्तान की साझी विरासत को जिंदा रखने वाले लेखक और एक्टिविस्ट अली जावेद का निधन हो गया है। उन्होंने मंगलवार रात को जीबी पन्त अस्पताल में 68 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली। आपको बता दें, अली जावेद को 12 अगस्त को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। अली जावेद के निधन पर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी शोक व्यक्त किया है। अली जावेद प्रगतिशील लेखक संघ के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उर्दू के प्रसिद्ध लेखक के साथ साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी थे।
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आपको बता दें, उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो पुत्र और दो पुत्री हैं। उनके निधन पर हिंदी उर्दू के लेखकों और लेखक संगठनों ने भी शोक व्यक्त किया है। फासीवाद के खिलाफ लड़ाई में उनके योगदान को याद किया जा रहा है। दिल्ली विश्विद्यालय से उर्दू विभाग से 2019 में सेवानिवृत्त प्राध्यापक जावेद को 12 अगस्त को मैक्स अस्पताल में ब्रेन हैमरेज के कारण भर्ती कराया गया था। बाद में उनकी स्तिथि में सुधार होने लगा फिर तबियत खराब होने पर जीबी पन्त अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने कल रात अंतिम सांस ली।
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उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद में 31 दिसम्बर,1954 में जन्मे जावेद ने इलाहाबाद विश्विद्यालय से उर्दू में बीए करने के बाद जवाहर लाल नेहरू विश्विद्यालय से उर्दू में एमए, एमफिल और पीएचडी की वह दिल्ली विश्विद्यालय के ज़ाकिर हुसैन कालेज में पढ़ाने लगे। बता दें, जावेद नेशनल कौंसिल फ़ॉर प्रमोशन ऑफ उर्दू के निदेशक भी थे।
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