किसानों ने एक बार फिर मोदी सरकार की मुश्किलें पैदा कर दी है। आज किसानों की दिल्ली में महापंचायत हुई है। जहां किसानों ने मोदी सरकार से कई मांग की है। इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से किसान शामिल हुए।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की मांग करते हैं। ये मांग केवल हरियाणा और पंजाब के किसानों के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के किसानों के लिए है। उन्होंने यह टिप्पणी किसादिल्ली जंतर-मंतर पर आयोजित ‘किसान महापंचायत’ में की।
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महापंचायत में मुख्य रूप से तीन मुद्दों पर विचार किया जा रहा है। जिनमें सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, कृषि, डेरी, कुक्कुट पालन और मत्स्य पालन क्षेत्रों को अमेरिका के साथ किसी भी प्रस्तावित समझौते से बाहर रखने का है। वहीं कृषि कानूनों (अब निरस्त) के खिलाफ 2020-21 में किये गए आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज पुलिस मामलों को वापस लेने की लंबे समय से जारी मांग है।
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डल्लेवाल ने कहा, ‘‘आज की महापंचायत में हमने कोशिश की कि देशभर के किसान अपनी मांगें रखने के लिए यहां आएं... हम सरकार को बताना चाहते हैं कि एमएसपी की मांग केवल पंजाब और हरियाणा के किसानों की ही नहीं, बल्कि देशभर के किसानों की है।’’
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संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कहा कि बैठक शांतिपूर्ण रहेगी और उसने किसानों एवं समर्थकों से बड़ी संख्या में भाग लेने का आग्रह किया। यह महापंचायत 2020 और 2021 के दौरान हुए किसान आंदोलन के लगभग चार साल बाद हो रही है। तब हजारों लोगों ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाला था।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने मौके पर लगभग 1,200 पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई अप्रिय घटना नहीं हो और कानून-व्यवस्था न बिगड़े।’’
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