उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने संबंधी प्रस्ताव के मुद्दे पर शुक्रवार को राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का जोरदार दौर चला, जिसके कारण हुए भारी हंगामे के बाद उच्च सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
सुबह सदन की बैठक आरंभ होने पर सदन ने साल 2001 में संसद पर हुए हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन बनने पर भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश को बधाई दी।
कांग्रेस के प्रमोद तिवारी को बोलने का अवसर मिला। उन्होंने भारी हंगामे के बीच कहा कि उन्हें गर्व है कि नेता प्रतिपक्ष दलित समुदाय से ही नहीं बल्कि किसान परिवार से भी आते हैं। हंगामे के कारण उनकी बात नहीं सुनी जा सकी। इसी बीच, धनखड़ ने कहा कि वह किसान के बेटे हैं और कमजोर नहीं पड़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘देश के लिए मर जाऊंगा, मिट जाऊंगा लेकिन कभी कमजोर नहीं पडूंगा। किसान का बेटा हूं।’’
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इस दौरान, सदन में हंगामा और तेज हो गया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर शोरगुल करने लगे। हंगामे के बीच ही सभापति ने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने का अवसर दिया। खड़गे ने सभापति पर आरोप लगाया कि वह सत्ता पक्ष के लोगों को बोलने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हर आदमी उठ-उठ कर 5 से 10 मिनट बोल रहा है...आप किसान के बेटे हैं तो मैं किसान मजदूर का बेटा हूं।’’ खड़गे ने आसन पर कांग्रेस और विपक्ष के नेताओं को अपमानित करने का भी आरोप लगाया।
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आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कहा कि जो बीजेपी आज किसानों की बात कर रही है, उसके हाथ 750 किसानों के खून से रंगे हैं। इस दौरान, हंगामा और तेज हो गया।
इसके बाद सभापति धनखड़ ने हंगामा कर रहे सदस्यों से व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। इसका जब कोई असर नहीं हुआ तो उन्होंने सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष को अपने कक्ष में मिलने के लिए बुलाया। इसके बाद, 11 बज कर 50 मिनट पर उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
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