इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख अब 15 सितंबर 2025 है। पहले यह डेडलाइन 31 जुलाई थी, जिसे बढ़ाकर अब 15 सितंबर कर दिया गया है। यानी अब आपके पास केवल कुछ ही घंटे बचे हैं। इस समय लाखों टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स पोर्टल पर ITR फाइल करने में जुटे हैं। अगर आपने अब तक अपनी फाइलिंग पूरी नहीं की है, तो अब और देर करना आपके लिए भारी पड़ सकता है।
लेट फाइलिंग करने पर न सिर्फ आपको भारी जुर्माना भरना पड़ेगा, बल्कि अन्य कानूनी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। इसलिए समय रहते अपनी ITR फाइलिंग पूरी कर लें और बेवजह की मुसीबतों से बचें। अक्सर लोग मानते हैं कि आईटीआर दाखिल करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट या किसी वित्तीय विशेषज्ञ की जरूरत होती है। लेकिन अगर आपकी आय केवल वेतन या पेंशन जैसी सामान्य आय है और आपके लेनदेन ज्यादा जटिल नहीं हैं, तो आप खुद भी आसानी से आईटीआर भर सकते हैं।
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अगर आपके पास नियोक्ता द्वारा जारी किया गया फॉर्म-16 है, तो आप आईटीआर फॉर्म-1 (सहज) भरकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। यह फॉर्म वेतनभोगी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और सामान्य आय वालों के लिए बनाया गया है। वहीं, अगर आपकी आय व्यवसाय, पेशे, पूंजीगत लाभ, अंतरराष्ट्रीय लेनदेन या कई तरह की छूट/कटौतियों से जुड़ी है, तो आपको ITR-2, ITR-3, ITR-4 या अन्य फॉर्म का इस्तेमाल करना होगा।
ऐसे मामलों में विशेषज्ञ की मदद लेना बेहतर रहता है, क्योंकि गलती होने पर रिटर्न अस्वीकार हो सकता है और देर से फाइल करने पर जुर्माना भी लग सकता है।
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आईटीआर-1 (सहज): वेतनभोगी, पेंशनभोगी और सामान्य आय वालों के लिए
आईटीआर-2: वेतन, संपत्ति या पूंजीगत लाभ से आय वाले व्यक्तियों के लिए
आईटीआर-3: व्यवसाय या पेशेवर आय वालों के लिए
आईटीआर-4 (सुगम): छोटे व्यवसाय और पेशेवरों के लिए
आईटीआर-5, 6, 7: कंपनियों, ट्रस्टों और संस्थानों के लिए
विशेषज्ञों के मुताबिक, आपकी आय और निवेश जितने सरल होंगे, आईटीआर भरना भी उतना ही आसान होगा।
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इनकम टैक्स की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और पैन और पासवर्ड से लॉग-इन करें।
ई-फाइल का विकल्प चुनें। फिर इनकम टैक्स रिटर्न में जाएं और फाइल इनकम टैक्स रिटर्न का विकल्प चुनें।
Assessment Year 2025-26 चुनें।
फॉर्म की सूची में से ITR-1 (Sahaj) चुनें।
अब Pre-filled Data पर क्लिक करें। यहां आपका पैन, वेतन, TDS और बैंक डिटेल्स पहले से दिखाई देंगे।
इन डिटेल्स को ध्यान से चेक करें और जरूरत होने पर बदलाव करें।
फॉर्म-16 के आधार पर बाकी जानकारी भरें।
सारी जानकारी पूरी करने के बाद रिटर्न सबमिट करें और e-Verify करें।
वेरिफिकेशन आप आधार OTP या नेटबैंकिंग से तुरंत कर सकते हैं।
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अगर आप 15 सितंबर के बाद फाइल करते हैं तो आपकी रिटर्न बेलेटेड रिटर्न मानी जाएगी और आप पर लेट फीस लगेगी.
जिनकी आय 5 लाख रुपए से ज्यादा है, उन्हें 5000 रुपये का जुर्माना देना होगा.
जिनकी आय 5 लाख रुपए तक है, उन्हें 1000 रुपये का जुर्माना भरना होगा.
इसके अलावा देरी से फाइलिंग पर ब्याज भी लग सकता है और कई टैक्स छूटों का लाभ भी खो सकते हैं
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आखिरी वक्त पर भागमभाग न हो इसलिए पहले से ये दस्तावेज तैयार रखें.
PAN और Aadhaar कार्ड
बैंक अकाउंट डिटेल्स और IFSC कोड
सैलरी पाने वालों के लिए Form 16
Form 26AS और Annual Information Statement (AIS)
निवेश और बीमा से जुड़े प्रूफ
किराए का बिल या होम लोन डॉक्यूमेंट (यदि क्लेम कर रहे हों)
कैपिटल गेन स्टेटमेंट (अगर लागू हो)
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