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मिजोरम के पूर्व राज्यपाल का नाम धोखाधड़ी केस में आया, बीजेपी पूर्व नेता के बचाव में उतरी

केरल बीजेपी अपने पूर्व नेता के बचाव में उतर गई है। राजशेखरन का पक्ष लेते हुए बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कहा कि यह सार्वजनिक जीवन में क्लीन ट्रैक रिकॉर्ड रखने वाले शख्स की छवि धूमिल करने का प्रयास है। हम इस मामले में कड़ा कदम उठाएंगे।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

मिजोरम के पूर्व राज्यपाल कुम्मानम राजशेखरन और आठ अन्य का नाम एक धोखाधड़ी केस में सामने आया है। केरल के पठानमथिटा में पुलिस ने एक ज्योतिषी की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया है। शिकायतकर्ता सीआर हरिकिशन ने दावा किया है कि राजशेखरन के पूर्व करीबी सहयोगी प्रवीण ने एक कारोबार शुरू करने के नाम पर उससे पैसे लिए थे। उससे 35 लाख रुपये की ठगी की गई है।

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राजशेखरन का नाम धोखाधड़ी मामले में इसलिए सामने आ रहा है क्योंकि उन्होंने इस व्यापार उपक्रम को सही बताया था, जिसके बाद ज्योतिषी ने पैसे सौंप दिए थे। लेकिन कुछ वर्ष बाद, जब उसने पैसे मांगे तो उसे कुछ लाख रुपये ही दिए गए और कथित रूप से ज्योतिषि का अभी भी 28 लाख रुपये बकाया है।

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पैसे वापस लेने के लिए कई प्रयास करने के बावजूद विफल रहने पर ज्योतिषी ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करा दी। शिकायत पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए, राजशेखरन ने कहा कि यह राजनीति से प्रेरित मामला है। उन्होंने कहा कि वह पलक्कड की कंपनी के बारे में जानते हैं, लेकिन उन्हें इसके वित्तीय मामलों की कोई जानकारी नहीं है।

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वहीं केरल बीजेपी अपने पूर्व नेता के बचाव में उतर गई है। राजशेखरन का पक्ष लेते हुए बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा, "यह और कुछ नहीं बल्कि सार्वजनिक जीवन में क्लीन ट्रैक रिकॉर्ड रखने वाले शख्स की छवि धूमिल करने का प्रयास है। हम इस मामले में कड़ा कदम उठाएंगे।"

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बता दें कि 67 वर्षीय के राजशेखरन बीजेपी की केरल इकाई के प्रमुख रह चुके हैं। उनका आरएसएस से भी काफी गहरा लगाव रहा है। उन्हें साल 2018 में मिजोरम का राज्यपाल बनाया गया था, लेकिन पिछले साल लोकसभा चुनावओं से ठीक पहले मार्च में उन्होंने पद से इस्तीफा देकर राजनीति में वापस आने के संकेत दिए थे।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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