छह महीनों की इस अवधि में इस तरह के निर्देश 1,96,878 खातों से कॉन्टेंट को हटाने के बारे में दिए गए। ट्विटर ने बताया कि 2012 में जब से कंपनी ने अपनी पारदर्शिता रिपोर्ट जारी करनी शुरू की तबसे ले कर अभी तक एक रिपोर्ट की अवधि में निशाना बनाए गए खातों की यह सबसे बड़ी संख्या है।
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यह अभी तक एक रिपोर्ट की अवधि में सरकार से मिले कॉन्टेंट हटाने के आदेशों की भी सबसे बड़ी संख्या है। इन निर्देशों में से 95 प्रतिशत निर्देश सिर्फ पांच देशों से आए। इनमें जापान पहले नंबर पर है और उसके बाद हैं रूस, तुर्की, भारत और दक्षिण कोरिया।
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चीन और उत्तर कोरिया जैसे कई देशों में तो ट्विटर ब्लॉक ही है। कंपनी ने बताया कि इनमें से 54 प्रतिशत मामलों में उसे या तो चिन्हित कॉन्टेंट तक लोगों की पहुंच को रोक कर रखना पड़ा या खाताधारकों को कॉन्टेंट का कुछ या पूरा हिस्सा हटा देने के लिए कहना पड़ा।
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ट्विटर में ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी और फिलांथ्रोपी के वाइस प्रेजिडेंट सिनेड मैकस्वीनी ने एक बयान में कहा, "हमें अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि पूरी दुनिया में सरकारों द्वारा हस्तक्षेप करने और कॉन्टेंट को हटवाने की कोशिशें बढ़ती जा रही हैं।"
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उन्होंने यह भी कहा, "यह निजता और अभिव्यक्ति की आजादी के लिए एक खतरा है और एक ऐसी गंभीर रूप से चिंताजनक प्रवृत्ति है जिस पर हमें पूरा ध्यान देना चाहिए।" पिछले साल ट्विटर को भारत से लेकर नाइजीरिया तक में सरकारों के साथ कॉन्टेंट से छेड़छाड़ और नियमन को लेकर दो दो हाथ करने पड़े।
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फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों की ही तरह ट्विटर को भी अमेरिका और दूसरे देशों में झूठी जानकारी और हिंसक भाषा जैसे विषयों के प्रति उसकी प्रतिक्रिया को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ा।
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ट्विटर के डाटा के मुताबिक इन कानूनी निर्दोषों में चिन्हित किए गए खातों की संख्या में पिछले छह महीनों की अवधि के मुकाबले लगभग 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पिछले छह महीनों में 1,31,933 खातों को लेकर ऐसे निर्देश मिले थे।
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ऐसे निर्देशों की संख्या भी पिछली अवधि के मुकाबले 14 प्रतिशत बढ़ गई। कंपनी ने कुछ महीनों पहले बताया था कि 2020 में सरकारों द्वारा पत्रकारों और समाचार संस्थाओं के कॉन्टेंट को हटाने की मांगें काफी बढ़ गई थीं। हालांकि ताजा रिपोर्ट में इस तरह की मांगों के लिए चिन्हित खातों में 14 प्रतिशत की कमी आई है।
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कंपनी ने यह भी बताया कि सरकारों द्वारा खातों की जानकारी संभाल कर रखने की मांगों में चार प्रतिशत की कमी आई है। ताजा रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ऐसी मांगों में से 57 प्रतिशत मांगें अकेले अमेरिकी सरकार से मिलीं। सरकारों द्वारा ट्विटर से जानकारी मांगने में भी अमेरिकी सरकार ही सबसे आगे रही।
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