कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि पिछले कुछ साल में देश में तेल आयात का बढ़ना दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है और सरकार बताए कि वह पिछले दस साल से तेल और प्राकृतिक गैस के आयात को कम करने की दिशा में क्या प्रयास कर रही है।
तिवारी ने सदन में तेलक्षेत्र (विनियमन तथा विकास) संशोधन विधेयक, 2024 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि देश में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि 2014-15 में देश में कच्चे तेल के उत्पादन में गिरावट आई है, जबकि तेल आयात में वृद्धि हुई है।
उन्होंने पूछा, ‘‘सरकार पिछले दस साल से तेल और प्राकृतिक गैस आयात को कम करने के लिए क्या कर रही है?’’
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उन्होंने कहा कि तेल और गैस क्षेत्र में किसी भी निर्णय के परिणाम 3, 5 या 7 साल बाद दिखते हैं और देश पिछले कई दशक से तेल खनन के क्षेत्र में प्रयासरत है।
तिवारी ने राजग सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘इतिहास 2014 में शुरू नहीं हुआ। इससे काफी पहले हो गया था। हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इस बात को मानना चाहिए।’’
उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि रूस से भारत के तेल आयात में बढ़ोतरी हुई है और इसमें कुछ गलत भी नहीं है क्योंकि सभी देश अपना सर्वश्रेष्ठ हित देखते हैं और सस्ता कच्चा तेल तलाशते हैं।
तिवारी ने कहा, ‘‘लेकिन ये अप्रत्याशित लाभ हर समय नहीं मिलते। हमें भविष्य में तैयार रहना होगा, जो कि दुर्भाग्य से हम नहीं हैं।’’
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