मोदी सरकार ने बीते दिनों में जीएसटी के स्लैब में बदलाव किए। खाने पीने के सामनों पर जीसीटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया था। जिससे लोगों को फायदा पहुचने वाला था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी कंपनियों को टैक्स की कटौती की जानकारी मिलने के बाद ही अपने सामानों के दामों को पहले 10 फीसदी तक दाम बढ़ा दिए। फिर 7 फीसदी टैक्स घटा दिए। इससे लोगों को फायदा नहीं मिला। अब इस खबर को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा है। कांग्रेस ने कहा कि मोदी का जुमला निकला 'बचत उत्सव'।
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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्री देश के गरीबों का लगातार मजाक ही नहीं उड़ाते रहे हैं, बल्कि इसका जश्न भी मनाते हैं। कभी गरीबी घटाने के नाम पर, कभी 5 खरब वाली अर्थव्यवस्था के नाम पर, कभी चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के नाम पर, कभी महंगाई कम करने के नाम पर तो कभी जीसटी कम करने के नाम पर- लगातार यही क्रम चलता रहा है।
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इससे अधिक गरीबों का अपमान क्या हो सकता है कि पूरे महीने में 5000 रुपये से भी कम जिनकी कमाने की क्षमता है उनके नाम पर प्रधानमंत्री मोदी मुस्कराते हुए “बचत उत्सव” का आह्वान करते हैं और फिर सरकार करोड़ों रुपये इसका प्रचार करने में फूंक डालती है।
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