तालिबान की रूढ़ीवादी और मध्यकालीन विचारधारा के डर से हाल ही में काबुल हवाईअड्डे पर उन लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली, जो देश छोड़कर कहीं बाहर बस जाना चाहते हैं। तालिबान के तहत जीवन के बारे में लोगों की चिंता अब काफी बढ़ चुकी है और इसका बड़ा उदाहरण लोगों के ड्रेस कोड में आए बदलाव से देखने को मिल रहा है।
यहां अब ज्यादातर पुरुष सलवार कमीज पहने हुए दिखाई दे रहे हैं, तो महिलाएं या तो दिख ही नहीं रही हैं या जो दिख रही हैं, वो पूरी तरह बुर्के में ढंकी दिख रही हैं। वॉयस ऑफ अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि काबुल में मुश्किल से कोई ऐसा व्यक्ति नजर आ रहा है, जिसने सलवार कमीज या फिर कुर्ता-पायजामा के अलावा जींस और टी-शर्ट पहन रखी हो, जो एक हफ्ते पहले शहर का एक आम नजारा था।
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एक हफ्ते पहले की तुलना में दूसरा बड़ा बदलाव महिलाओं की उपस्थिति का है। काबुल में एक सामान्य दिन में, सड़कों पर बड़ी संख्या में महिलाएं जींस, लॉन्ग टुनिक्स (लंबी अंगरखा) और हेडस्कार्फ के अलावा पूरे शरीर को ढंकने वाले बुर्के पहने देखी जा सकती थीं। लेकिन अब यह नजारा बिल्कुल बदल चुका है और अब महिलाएं इस तरह के कपड़ों में नजर नहीं आ रहीं हैं। सड़कों पर महिलाएं कम नजर आ रहीं हैं और जो कहीं आती-जाती दिख भी रहीं हैं, उनमें से सभी पूरी तरह से हिजाब से अपने आपको ढके हुए दिख रही हैं।
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तालिबान ने हालांकि वादा किया है कि किसी के खिलाफ कोई हिंसा नहीं होगी, मगर फिर भी काबुल के नागरिक सावधानी बरत रहे हैं और वह किसी प्रकार का कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। दरअसल इस डर के पीछे तालिबानी शासन का पुराना अनुभव है। इसीलिए लोग देश पर तालिबान का कब्जा होते ही उसके अनुसार खुद को ढालने की कोशिश में हैं।
सोमवार को काबुल की सड़कों पर कलाशनिकोव (रूस निर्मित असॉल्ट राइफल) से लैस पुरुष पैदल, सुरक्षा वाहनों और मोटरसाइकिलों पर घूमते दिखाई दिए, क्योंकि विद्रोहियों ने राजधानी पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। ऐसा लग रहा था कि उन्होंने अफगान पुलिस और सुरक्षा बलों की ड्यूटी संभाल ली है, जो अब शायद ही दिखाई दे रहे हैं।
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काबुल में सशस्त्र तालिबानी उस परिसर के द्वार पर खड़े हैं, जो अमेरिकी दूतावास की ओर जाता है, जो अब खाली हो गया है। इसके अलावा तालिबानी लड़ाके राष्ट्रीय सुलह के लिए उच्च परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला के घर के बाहर भी पहरा देते नजर आ रहे हैं। काबुल में लगभग हर महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान पर तालिबानी लड़ाकों ने कब्जा कर लिया है।
बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग चुके हैं और अब यहां के आम नागरिकों के मन में तालिबान के रूढ़ीवादी फरमान और हिसात्मक रवैये को लेकर काफी भय बना हुआ है और उनका भविष्य अंधकार में है।
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