एक महीने में 5 से ज्यादा इमरजेंसी लैंडिंग और कई तरह की गड़बड़ियों की खबरों के बाद विमामन कंपनी स्पाइसजेट के खिलाफ DGCA ने कार्रवाई की है। स्पाइसजेट में विभिन्न स्पॉट चेक, निरीक्षण और कारण बताओ नोटिस के जवाब के मद्देनजर डीजीसीए ने एयरलाइन कंपनी को निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट इस आदेश के जारी होने की तारीख से 8 सप्ताह के लिए अपनी स्वीकृत उड़ानों में से 50% का ही संचालन कर सकेगी।
गौरतलब है कि स्पाइसजेट में पिछले कई दिनों से आ रही गड़बड़ियों की खबरों के बाद विमानन नियामक डीजीसीए ने स्पाइसजेट को शोकॉज नोटिस जारी किया था। अब इस मामले में कंपनी ने विभिन्न जांच प्रक्रिया के बाद यह कड़ा फैसला लिया है। डीजीसीए की ओर से यह अंतरिम आदेश सिविल एविएशन के ज्वाइंट डायरेक्टर जनरल मनीष कुमार ने जारी किया है।
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डीजीसीए की ओर से जारी अंतरिम आदेश में कहा गया है कि स्पाइसजेट की उड़ानों में बीते एक अप्रैल से पांच जुलाई 2022 के बीच रिपोर्ट की गई घटनाओं की जांच में पाया गया कि कई मौकों पर विमानन कंपनी के एयरक्रॉफ्ट्स को अपने आरंभस्थल पर वापस लौटना पड़ा या अपने गंतव्य स्थल पर कमतर सुरक्षा के बीच लैडिंग करना पड़ा।
जांच के दौरान पाया गया कि ऐसा खराब आंतरिक सुरक्षा के इंतजामों और अपर्याप्त मेंटेनेस के कारण हुआ। ऐसा होने से विमानों के सुरक्षा मानकों के साथ समझौता करना पड़ा।
DGCA की ओर से यह भी कहा गया है कि सितंबर 2021 में नियामक की ओर से की गई आर्थिक जांच के दौरान यह पाया गया था कि विमानन कंपनी स्पाइसजेट जिन वेंडर्स की सेवाएं ले रही हैं उन्हें लगातार समय पर भुगतान नहीं किया गया, जिससे जरूरी स्पेयर्स और दूसरी चीजों की कमी पैदा हुई और विमानों का परिचालन प्रभावित हुआ।
हाल के दिनों में हुई गड़बड़ी की घटनाओं के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि यह एयरक्रॉफ्ट रूल्स 1937 के प्रावधानों का उल्लंघन है। स्पाइसजेट से इस मामले में तीन हफ्तों के भी भीतर जवाब मांगा गया गया था।
इससे पहले स्पाइसजेट ने DGCA द्वारा 5 जुलाई को जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब 25 जुलाई को दिया। जिसें कहा गया कि वह अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठा रहा है।
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इस मामले में स्पाइसजेट की ओर से कहा गया है कि डीजीसीए का आदेश मिल गया है और हम नियामक के निर्देशों के अनुसार काम करेंगे।
स्पाइसजेट की ओर से कहा गया है कि मौजूदा समय में कम यात्रा के मौसम के कारण, स्पाइसजेट ने अन्य एयरलाइनों की तरह अपने उड़ानों का संचालन को पहले ही पुनर्निर्धारित कर दिया था, इसलिए हमारे उड़ान संचालन पर डीजीसीए के आदेश का बिल्कुल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
हम सभी सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए डीजीसीए के दिशा-निर्देशों के अनुसार विमानों का परिचालन करते रहेंगे।
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11 जुलाई को दुबई से मदुरै जाने वाली स्पाइसजेट की बोइंग बी737 मैक्स विमान में 'अंतिम समय में तकनीकी समस्या' की बात सामने आई, जिसके कारण उड़ान में देरी हो गई है। इस विमान के अगले पहिए में खराबी आई थी।
2 जुलाई को जबलपुर जा रही स्पाइसजेट की फ्लाइट तब वापस दिल्ली लौट आई जब करीब पांच हजार फुट की ऊंचाई पर चालक दल के सदस्यों ने केबिन में धुंआ देखा।
6 जुलाई को इंडिगो की रायपुर-इंदौर उड़ान के चालक दल के सदस्यों ने विमान के गंतव्य पर उतरने के बाद उसमें धुआं देखा। सभी यात्री विमान से सुरक्षित उतर गए।
5 जुलाई को स्पाइसजेट का एक मालवाहक विमान कोलकाता लौट आया है, विमान के पायलट्स को उड़ान भरने के बाद यह अंदेशा हुआ कि मौसम संबंधी रडार काम नहीं कर रहा है। स्पाइसजेट कंपनी का ये बोईंग 737 मालवाहक विमान को कोलकाता से चोंगक्विंग जाना था।
5 जुलाई को ही स्पाइसजेट के दो और विमानों में खराबी आई थी, पहला दिल्ली से दुबई जा रहे एक विमान के फ्यूल इंडिकेटर में खराबी के बाद उसे कराची डायवर्ट कर दिया गया था, वहीं दूसरा कांडला-मुंबई फ्लाइट की खिड़की के शीशे में उड़ान भरने के बाद 23 हजार फीट की ऊंचाई पर दरार दिखने पर उसकी महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में प्रायोरिटी लैंडिंग करानी पड़ी थी।
24 और 25 जून को अलग-अलग विमानों में 'फ्यूजलेज डोर वार्निंग' प्रणाली सक्रिय होने की वजह से, विमानों को बीच में यात्रा छोड़ कर वापस आना पड़ा।
19 जून को पटना से 185 यात्रियों को लेकर दिल्ली के लिए उड़ान भरने के बाद ही स्पाइसजेट के विमान के इंजन में आग लग गई। जिसके बाद प्लेन को लैंड करना पड़ा।
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