हालात

हाशिमपुरा नरसंहार: दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलटा, बरी किए गए पीएसी के 16 जवानों को उम्र कैद

31 साल बाद हाशिमपुरा नरसंहार को लेकर आज को दिल्ली हाई कोर्ट में फैसला सुना दिया। सभी 16 आरोपी जवानों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। 1987 के इस मामले में आरोपी पीएसी के 16 जवानों को 42 लोगों की हत्या और अन्य अपराधों के आरोपों से बरी करने के तीन साल पुराने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी।

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  हाशिमपुरा नरसंहार में 16 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा  

यूपी के मेरठ जिला स्थित हाशिमपुरा में 1987 में हुए नरसंहार मामले में बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले में बुधवार को निचली अदालत के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें 16 पीएसी (प्रोविंशियल आर्म्ड कॉन्स्टेबुलरी) कर्मियों को बरी कर दिया गया था। हाई कोर्ट ने इन सभी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने फैसले के दौरान कहा कि पीड़ितों को न्याय मिलने में 31 का समय लगा और मुआवजा भी पर्याप्त नहीं मिला।

Published: 31 Oct 2018, 12:05 PM IST

उत्तरप्रदेश राज्य, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और नरसंहार में बचे जुल्फिकार नासिर सहित कुछ निजी पक्षों की अपीलों पर हाई कोर्ट ने 6 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि इस मामले में निचली अदालत ने 16 पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया था। इनके खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और अन्य पक्षकारों ने चुनौती याचिका दायर की थी।

Published: 31 Oct 2018, 12:05 PM IST

बता दें कि मेरठ जिला स्थित हाशिमपुरा में 22 मई 1987 को काफी संख्या में पीएसी के जवान पहुंचे थे। इन जवानों ने वहां मस्जिद के सामने चल रही धार्मिक सभा से मुस्लिम समुदाय के करीब 50 लोगों को हिरासत में लिया था। आरोप है कि पीएसी जवानों ने इनमें से 42 लोगों की गोली मारकर हत्या के बाद उनके शव नहर में फेंक दिए थे। उत्तर प्रदेश पुलिस ने साल 1996 में गाजियाबाद, मुख्य न्यायिक न्यायाधीश की अदालत में आरोपपत्र दायर किया था। आरोपपत्र में 19 लोगों को हत्या, हत्या का प्रयास, साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ और साजिश रचने की धाराओं में आरोपी बनाया गया था। 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। इस मामले में आरोपी बनाए गए 16 लोग जीवित हैं। जबकि तीन लोगों की मौत हो चुकी है। 21 मार्च 2015 को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने हत्यारोपी पीएसी के सभी 16 जवानों को संदेह के आधार पर बरी कर दिया था।

Published: 31 Oct 2018, 12:05 PM IST

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: 31 Oct 2018, 12:05 PM IST

  • असम में सीमेंट कंपनी को 3,000 बीघा जमीन आवंटित करने पर हाईकोर्ट हैरान, पूछा- क्या यह मजाक है

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: हम बिहार में खुलेआम हो रही इस 'वोट चोरी' के खिलाफ आपके साथ खड़े, संसद से सड़क तक लड़ेंगे- कांग्रेस

  • ,
  • वोट चोरी संविधान पर आक्रमण, 'इंडिया' की सरकार बनी तो तीनों चुनाव आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे: राहुल गांधी

  • ,
  • दुनिया की खबरें: जेलेंस्की शीर्ष यूरोपीय नेताओं के साथ ट्रंप से मिलने पहुंचे और पाक में बारिश से 657 लोगों की मौत

  • ,
  • ममता बनर्जी ने प्रवासी मजदूरों के पुनर्वास के लिए योजना शुरू की, रोजगार मिलने तक 5000 रुपये हर माह देगी सरकार