सावन का शुभारंभ होते ही पूरे देश में शिवभक्ति का सैलाब उमड़ पड़ा है। गुरुवार से सावन का पवित्र महीना शुरू हो गया है और इसके साथ ही शिवालयों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। अलसुबह से ही हजारों की संख्या में शिवभक्त जल लेकर मंदिरों की ओर निकल पड़े और ‘हर हर महादेव’ के जयघोष से वातावरण शिवमय हो गया। प्रमुख ज्योतिर्लिंगों से लेकर हर छोटे-बड़े शिव मंदिरों में आज विशेष तैयारियां की गईं। भक्तों ने विधिवत जलाभिषेक और रुद्राभिषेक कर बाबा भोलेनाथ से मंगलकामनाएं मांगी।
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मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर सावन की शुरुआत के साथ ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। सुबह 4 बजे की भस्म आरती में शामिल होने के लिए भक्तों ने रात से ही कतार में लगना शुरू कर दिया था। महाकाल के दर्शन को लेकर श्रद्धालुओं में गजब की आस्था दिखाई दी। मंदिर समिति द्वारा विशेष व्यवस्थाएं की गईं हैं, जिसमें सुरक्षा, भोजन, पेयजल, चिकित्सा आदि की सुविधाएं शामिल हैं। बताया जा रहा है कि सावन के हर सोमवार को लाखों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं।
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उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में भी सावन के पहले दिन से ही आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। काशी को बाबा भोलेनाथ की नगरी माना जाता है और सावन में यहां का माहौल पूरी तरह शिवमय हो जाता है। गंगाघाट से जल भरकर श्रद्धालु बाबा के दरबार में जलाभिषेक करने पहुंचे। मंदिर प्रशासन ने दर्शन के लिए विशेष लाइनें और पंजीकरण की सुविधा की व्यवस्था की है। पूरे शहर में पुलिस-प्रशासन मुस्तैद है और CCTV से निगरानी की जा रही है।
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झारखंड के बाबा बैद्यनाथ धाम (देवघर) में भी सावन की शुरुआत के साथ ही लाखों कांवड़िए पहुंचे हैं। देशभर से गंगाजल लेकर यहां आए भक्तों ने बाबा को जल अर्पित किया। देवघर में सावन में देश के सबसे बड़े कांवड़ मेलों में से एक आयोजित होता है। प्रशासन ने ट्रैफिक, स्वास्थ्य और आपातकालीन सेवाओं के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। इस दौरान हेलीकॉप्टर से भी निगरानी रखी जा रही है।
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महाराष्ट्र के त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, गुजरात के सोमनाथ मंदिर, हिमाचल के बाबा बासुकेश्वर, ऋषिकेश के नीलकंठ महादेव, और बिहार के उगना महादेव में भी भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। श्रद्धालु सुबह से ही पूजा-पाठ में लगे हुए हैं और मंदिरों में घंटियों की गूंज और मंत्रोच्चारण से वातावरण आध्यात्मिक हो गया है।
सावन के पहले दिन से ही उत्तर भारत के राज्यों में कांवड़ यात्रा की भी शुरुआत हो चुकी है। हरिद्वार, गंगोत्री, गौमुख और अन्य तीर्थ स्थलों से शिवभक्त जल लेकर अपने-अपने शहरों के शिवालयों की ओर कूच कर चुके हैं। पुलिस-प्रशासन ने रास्तों पर विशेष सुरक्षा और सुविधा शिविर की व्यवस्था की है।
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