
बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहा नया लो-प्रेशर सिस्टम आगामी 48 घंटों में तेजी पकड़ सकता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यह सिस्टम आने वाले दो दिनों में और मजबूत होकर डिप्रेशन में बदल सकता है, जिसके कारण तमिलनाडु के कई जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है।
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मौसम विभाग के अनुसार कोमोरिन सागर और इसके आसपास के इलाकों में बना साइक्लोनिक सर्कुलेशन पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ रहा है। यह सिस्टम धीरे-धीरे एक संगठित लो-प्रेशर एरिया में बदल रहा है, जो आगे चलकर और तेज हो सकता है।
IMD का कहना है कि शुक्रवार या शनिवार को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व हिस्से में एक और लो-प्रेशर सिस्टम बनने की भी संभावना है। प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार यह सिस्टम अगले 48 घंटों में मजबूत होकर डिप्रेशन में बदल सकता है।
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मौसम में बदलते हालात का सीधा असर तमिलनाडु पर दिखाई दे रहा है।
मयिलादुथुराई और कुड्डालोर जिलों में आज भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
पिछले कुछ दिनों से इन इलाकों में रुक-रुककर बारिश हो रही है, लेकिन अब तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होने की आशंका है।
चेन्नई और आसपास के उपनगरीय इलाकों में भी हल्की से मध्यम बारिश संभव है।
IMD अधिकारियों ने बताया कि शाम के समय कन्वेक्टिव एक्टिविटी बढ़ सकती है, जिससे अचानक तेज बारिश हो सकती है। लोगों को बिजली चमकने और गरज के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
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समुद्र में स्थिति बिगड़ने की आशंका जताते हुए IMD ने मछुआरों को चेतावनी दी है कि वे बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व और आसपास के समुद्री इलाकों में फिलहाल न जाएं।
लो-प्रेशर सिस्टम की वजह से
समुद्र में लहरें ऊंची उठ सकती हैं।
हवा की रफ्तार बढ़ सकती है।
छोटी नावों और ट्रॉलरों के लिए खतरा बढ़ सकता है।
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स्थानीय प्रशासन और डिजास्टर रिस्पांस टीमें अलर्ट पर रखी गई हैं। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए पहले से जरूरी इंतजाम करें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।
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मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि नॉर्थ ईस्ट मानसून के इस चरण में बंगाल की खाड़ी में बन रहा यह दूसरा बड़ा मौसमीय सिस्टम है। खाड़ी पर नमी वाली हवाओं की सक्रियता बढ़ने से आने वाले दिनों में तमिलनाडु के तटीय इलाकों में और अधिक बारिश होने की संभावना है।
IMD ने कहा है कि वह सिस्टम की हर गतिविधि पर करीबी नजर रखेगा और समय-समय पर अपडेट जारी करेगा। लोगों से आग्रह किया गया है कि वे केवल आधिकारिक मौसम बुलेटिन पर भरोसा करें और भारी बारिश की स्थिति में सावधानी बरतें।
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