हिमाचल प्रदेश में लगातार भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं के कारण पिछले छह दिन से बंद पड़ा चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे शुक्रवार शाम को सभी वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया। हाईवे खुलने के बाद दोनों ओर सड़क किनारे फंसे मालवाहक सैंकड़ों वाहनों के चालकों ने राहत की सांस ली। हालांकि, एनएचएआई और प्रशासन ने हाईवे को अभी अस्थायी तौर पर ही चालू किया है और अधिकतर स्थानों पर एकतरफा ट्रैफिक ही चलाया जा रहा है।
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हिमाचल में 31 अगस्त से हो रही लगातार बारिश के चलते दवाड़ा से झिड़ी तक कई स्थानों पर बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ था, जिससे हाईवे पूरी तरह से ठप हो गया था। बीच में एक बार एनएचएआई और प्रशासन ने मशीनरी लगाकर इसे खोला जरूर था, लेकिन उस दौरान केवल जरूरी सामान ढोने वाले वाहनों को ही अनुमति दी गई थी। इसके बाद दोबारा भारी लैंडस्लाइड होने से मार्ग फिर बंद हो गया था।
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एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हाईवे पर अब भी पत्थर और मलबा गिरने का खतरा बना हुआ है। उन्होंने वाहन चालकों से सावधानीपूर्वक ड्राइविंग करने, लाइन जंप न करने और पुलिस की ओर से सोशल मीडिया पर समय-समय पर जारी होने वाली एडवाइजरी का पालन करने की अपील की। लोक निर्माण विभाग थलौट के अधिशासी अभियंता ई. विनोद शर्मा ने बताया कि दवाड़ा के पास हाईवे लगातार बाधित हो रहा है। विभाग की मशीनरी पिछले कई दिनों से यहां तैनात है और फिलिंग का काम लगातार जारी है। मौसम साफ होते ही सड़क पर टारिंग भी कर दी जाएगी, ताकि वाहनों की आवाजाही सुचारू रूप से हो सके।
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बता दें कि 31 अगस्त दोपहर से लगातार हो रही बारिश के कारण कई जगहों पर भारी भूस्खलन होने से यह हाईवे बंद था। दवाड़ा से झिरी तक हाईवे पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई थी। इस दौरान एनएचएआई और प्रशासन ने मशीनरी लगाकर हाईवे को कुछ समय के लिए खोला था, लेकिन तब केवल आवश्यक सामान ले जाने वाले वाहन ही गुजर सके। इसके बाद औट और झिरी के पास फिर से भारी भूस्खलन होने से हाईवे दोबारा बंद हो गया था। पांच दिन की लगातार बारिश के बाद शुक्रवार सुबह मौसम साफ होने पर एनएचएआई और प्रशासन ने मशीनरी के जरिए कार्य शुरू किया और आज शाम करीब पांच बजे हाईवे को सभी वाहनों के लिए फिर से खोल दिया गया।
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