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कोरोना का कहर: अस्पतालों में युद्ध जैसे हालात, एक घंटे में हो रही कई मौतें, बेड के इंतजार में बीमार!

कोरोना के कारण कई देशों में युद्ध जैसी स्थिति बन गई है। अस्पतालों के हालात जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। यहां थोड़ी-थोड़ी देर में ही विशेष चेतावनी वाली घंटी बज रही है। अमेरिका की एक ऐसे ही अस्पताल के बारे में खबर है कि यहां 40 मिटन के अंदर ही 6 लोगों की मौत हो गई है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

कोरोना के कारण कई देशों में युद्ध जैसी स्थिति बन गई है। अस्पतालों के हालात जानकर आपके होश उड़ जाएंगे। यहां थोड़ी-थोड़ी देर में ही विशेष चेतावनी वाली घंटी बज रही है। अमेरिका की एक ऐसे ही अस्पताल के बारे में खबर है कि यहां 40 मिटन के अंदर ही 6 लोगों की मौत हो गई है। सभी की मौत हृ्दय गत‍ि रुकने से हुई है। सारे मृतक कोरोना वायरस से संक्रमित थे। इतना ही नहीं यहां एक घंटे से भी कम समय में कम से कम पांच बार अस्‍पताल की व‍िशेष चेतावनी वाली बेल बजी, ज‍िसका मतलब है क‍ि मरीज को तुरंत सांस वापस लाने के ल‍िए मेड‍िकल सहायता की जरूरत है। मरीजों की हालत इतनी खराब क‍ि एक धड़कन के समय के बराबर भी देर हुई तो जान जाने का खतरा।

Published: 06 Apr 2020, 6:00 PM IST

ये तो सिर्फ एक अस्पताल की बात थी, अमेरिका में कोरोना से संक्रमति हजारों लोगों का यही हाल है। परेशान करने वाली बात ये है कि अभी हजारों और इस हाल में आने वाले हैं। कोरोना ने अमेरिका में कहर बरपाया हुआ है। यहां कोरोना वायरस की वजह से अब तक 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्‍यादा मौतें न्‍यूयॉर्क में हुई हैं। सीएनएन के प्रत‍िन‍िध‍ि ने ब्रूकल‍िन के द यून‍िवर्स‍िटी हॉस्‍प‍िटल का दौरा क‍िया तो हालात युद्ध के दौर से बदतर पाए। यह अस्‍पताल अब केवल कोरोना के मरीजों का ही इलाज कर रहा है। यहां आए मरीजों में से 25 फीसदी की मौत हो चुकी है। डॉक्‍टर बताते हैं क‍ि यह अस्‍पताल का दोष नहीं है, बीमारी ही ऐसी है।

Published: 06 Apr 2020, 6:00 PM IST

अस्‍पताल के स्‍टाफ और डॉक्‍टर्स को सांस लेने की फुर्सत नहीं है। स्‍टाफ ने एक शव को लपेटा और 30 म‍िनट के अंदर शव को रवाना क‍िया गया, उस जगह को सैन‍िटाइज क‍िया गया और वहां फ‍िर गंभीर हालत में आया एक नया मरीज रख द‍िया गया। लगभग ऐसा ही हाल बाकी अस्‍पतालों का भी है।

इस अस्‍पताल में आए केवल 90 फीसदी मरीज 45 साल से ऊपर के हैं। 60 फीसदी की उम्र 65 से ज्‍यादा है। कई मरीज 20 से 30 साल के भी हैं। एक मरीज तो 3 साल का बच्‍चा भी था। डॉक्‍टर्स का कहना है क‍ि उन्‍होंने ऐसी स्‍थ‍ित‍ि पहले कभी नहीं देखी है और इनसे मुकाबला करने के ल‍िए वे तैयार नहीं थे।

Published: 06 Apr 2020, 6:00 PM IST

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Published: 06 Apr 2020, 6:00 PM IST