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इशारो-इशारों में गडकरी ने फिर साधा निशाना, बोले- जो घर नहीं संभाल सकता, देश क्या संभालेगा

मोदी सरकार में मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर इशारों-इशारों में तीर चलाया है। रविवार को एबीवीपी के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जो शख्स घर नहीं संभाल सकता वो देश क्या संभालेगा। गौरतलब है कि पिछले 3 महीने के दौरान इस तरह का गडकरी का यह 5वां बयान है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जहां पीएम मोदी को विपक्षी दलों के हमलों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं उन्हें अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ साथी के अप्रत्यक्ष हमले भी झेलने पड़ रहे हैं। मोदी सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है, जिससे बीजेपी को उनके बयान पर बगलें झांकने को मजबूर होना पड़ रहा है। दरअसल रविवार को आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पूर्व कार्यकर्ताओं के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा है कि जो घर नहीं संभाल सकता वो देश क्या संभालेगा।

एबीवीपी के पूर्व कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि कार्यकर्ताओं को पहले अपनी घरेलू जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहिए और जो ऐसा नहीं कर सकता, वो देश नहीं संभाल सकता। कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “मैं ऐसे कई लोगों से मिला हूं, जो कहते हैं कि हम बीजेपी और देश के लिए अपना जीवन समर्पित करना चाहते हैं। ऐसे लोगों से मैं यही पूछता हूं कि आप क्या करते हैं, आपके परिवार में और कौन-कौन हैं। ऐसे ही एक व्यक्ति ने बताया कि उसके परिवार में पत्नी और बच्चे हैं और उसने अपनी दुकान बंद कर दी है क्योंकि वह ठीक नहीं चल रही थी।”

गडकरी ने आगे कहा, “मैं उनसे कहता हूं, पहले अपने घर की देखभाल करो क्योंकि जो व्यक्ति घर नहीं संभाल सकता, वो देश क्या संभालेगा। ऐसे में पहले अपना घर संभालें, पत्नी, बच्चे और संपत्ति का ध्यान रखने के बाद ही पार्टी और देश के लिए काम करें।”

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गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से गडकरी लगातार इस तरह के बयान दे रहे हैं, जो बीजेपी और पीएम मोदी के लिए समस्या खड़ी करने वाला है। उन्होंने हाल ही में 27 जनवरी को महाराष्ट्र में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं, लेकिन दिखाए हुए सपने अगर पूरे नहीं कि जाने पर जनता उनकी पिटाई भी करती है, इसलिए वही सपने दिखाने चाहिए, जिन्हें और पूरे कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वह सपने दिखाने वाले नेताओं में से नहीं हैं, जो भी बोलते हैं, वह डंके की चोट पर बोलते हैं।

इसस पहेल नितिन गडकरी बीजेपी के 'अच्छे दिन' के नारे पर भी सवाल उठा चुके हैं। एक टीवी कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि 'अच्छे दिन' जैसी कोई बात होती ही नहीं है। यही नहीं बीते साल दिसंबर में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम में बीजेपी की हार के बाद गडकरी ने कहा था कि “अगर मैं पार्टी का अध्यक्ष हूं और मेरे सांसद और विधायक अच्छा काम नहीं करते हैं तो कौन जिम्मेदार होगा?” यही नहीं, गडकरी अपने बयानों में खुलकर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की तारीफ में कसीदे पढ़ चुके हैं।

गडकरी के इन बयानों को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है कि वह अपने बयानों के जरिये पीएम मोदी और अमित शाह पर निशाना साध रहे हैं। चुनाव सिर पर होने और सरकार की नीतियों के कारण चौतरफा हमले झेल रही बीजेपी और पीएम मोदी के लिए पार्टी के अंदर से ऐसे बयानों का आना इस बात का सबूत है कि चुनाव से पहले बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा।

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